PAK की दादागिरी, भारतीय तीर्थयात्रियों को दूतावास अधिकारियों से मिलने से रोका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों के साथ एक बार फिर दुर्व्यवहार किया गया है। पाकिस्तान पहुंचे सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों से मिलने नहीं दिया। भारत की तरफ से पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई गई है। भारत ने इसे वियना कन्वेंशन का उल्लंघन बताया है। बता दें कि इससे पहले भी भारतीय राजनयिक कई बार शिकायत कर चुके है कि पाकिस्तान में उन्हें परेशान किया जाता है।
विदेश मंत्रालय ने बताई सामान्य प्रक्रिया
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय राजनयिकों को भारत से आने वाले सिख तीर्थयात्रियों के तीर्थ स्थल पर जाने और उनसे मिलने की छूट होती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों को यह छूट इसलिए दी जाती है ताकि वह मेडिकल आपातकाल या ऐसी किसी और मुश्किल की स्थिति में मदद कर सके। लेकिन 12 अप्रैल को वाघा रेलवे स्टेशन पर सिख तीर्थयात्रियों से भारतीय टीम के पहुंचने के बाद भी मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद 14 अप्रैल को भारतीय यात्रियों के साथ पाकिस्तान में मौजूद भारतीय राजनयिकों और दूतावास के अधिकारियों की मीटिंग तय की गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर पाकिस्तान ने यह मीटिंग भी नहीं होने दी। इतना ही नहीं भारतीय राजनयिक अजय बिसेरिया की गाड़ी जब गुरुद्वारे की ओर जा रही थी तब उन्हें बीच रास्ते से सुरक्षा कारणों का हवाला देकर वापस लौटा दिया गया।
बैसाखी का त्योहार मनाने गए थे पाकिस्तान
दरअसल 1800 तीर्थयात्री बैसाखी का त्योहार मनाने के लिए रावलपिंडी के गुरुद्वारा पंजा साहिब गए थे। सिख धर्म का इसे खास स्थान माना जाता है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान भारतीय काउंसलरों को पाकिस्तान में सिख तीर्थयात्रियों से मिलने से रोका गया था और उन्हें जरूरी प्रोटोकॉल ड्यूटी भी निभाने नहीं दी गई। पाकिस्तान के इस व्यवहार पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे वियना कन्वेक्शन 1961 का भी उल्लंघन बताया है। वहीं भारत की तरफ से कहा गया है कि राजदूतों के साथ ऐसा व्यवहार दुर्व्यवहार की श्रेणी में आता है। धार्मिक तीर्थ यात्रियों के लिए द्विपक्षीय प्रोटोकॉल 1974 और हाल ही में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर दोनों देशों की सहमति से तैयार समझौते का भी उल्लंघन किया है।
पहले भी लग चुके है PAK पर आरोप
भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को परेशान किया जाता है। उच्चायुक्त की कार को पिछले दिनों पाकिस्तानी एजेंसियों ने एक व्यस्त सड़क के बीच में रोका ताकि उन्हें एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोका जा सके। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में काम कर चुके राजनयिक विष्णु प्रकाश का भी इस दौरान बयान सामने आया था। उन्होंने बताया था कि कैसे पाकिस्तान भारतीय राजनयिकों को परेशान करता है? पानी और बिजली आपूर्ति बंद करना, अश्लील फोन कॉल्स, गाड़ी का पीछा करना, कड़ी पूछताछ और बच्चों को डराना-धमकाना। पाकिस्तान के ये सभी वो पैंतरे है जिसके जरिए वो लगातार भारतीय राजनयिकों को तंग करता रहा है और अब भी कर रहा है।
Created On :   15 April 2018 5:46 PM IST