पाक का ग्रीन सिग्नल, 5000 साल पुराने शारदा पीठ मंदिर के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

Pakistan to open Sharda Peeth temple corridor in Pakistan occupied Kashmir
पाक का ग्रीन सिग्नल, 5000 साल पुराने शारदा पीठ मंदिर के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
पाक का ग्रीन सिग्नल, 5000 साल पुराने शारदा पीठ मंदिर के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान की करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण पर सहमति के बाद अब दोनों देश शारदा पीठ कॉरिडोर खोलने की तैयारी कर रहे हैं। शारदा पीठ 5 हजार साल पुराना हिंदुओं का पवित्र धर्मस्थल है जो पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही इस कॉरिडोर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर के कुपवाड़ा से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शारदा पीठ मंदिर के लिए एक कॉरिडोर बनाने पर विचार चल रहा है। भारत सरकार ने पाकिस्तानी अधिकारियों को इस प्रस्ताव को लेकर कई पत्र भी लिखे हैं। कश्मीर में रहने वाला हिंदू समुदाय लंबे समय से इस कॉरिडोर को बनाने की मांग कर रहा था। राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) भी इसे लेकर अपनी आवाज उठाता रहा है।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में शारदा पीठ मंदिर खोलने से भारत और पाकिस्तान के मौजूदा गतिरोध पर काबू पाने में मदद मिल सकती है। मुफ्ती ने कहा "बहुत समय पहले मैंने पीएम को शारदा पीठ, कश्मीरी पंडितों के लिए फिर से खोलने के लिए लिखा था।"

बता दें कि शारदा पीठ मंदिर को महाराज अशोक ने 237 ईसा पूर्व में बनवाया था। इसे हिंदुओं का पुराना शिक्षा केंद्र भी माना जाता है। शारदा पीठ देवी के 18 महाशक्ति पीठों में से एक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती का दायां हाथ गिरा था। 1947 में भारत और पाक के अलग होने के बाद हिंदू श्रद्धालुओं को यहां जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

2007 में भारतीय संस्कृति संबंध परिषद के क्षेत्रीय निदेशक प्रोफेसर अयाज रसूल नज्की ने इस मंदिर का दौरा किया था। इस दौरे के बाद से भारतीय श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति की मांग उठने लगी। भारतीय श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दिलवाने को लेकर शारदा बचाओ कमेटी बनाई गई। इस कमेटी ने भारत सरकार के साथ-साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था।
 

Created On :   25 March 2019 7:11 PM IST

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