विवि देगा हाईटेक मार्कशीट, मिलेंगी बार कोड समेत कई तरह की सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, शहडोल। छेड़छाड़ की जा सकती है और न ही इसका क्लोन (डुप्लीकेट) बनाया जा सकता है। डुप्लीकेट मार्कशीट के आधार पर नौकरी पाने, भर्ती परीक्षा में शामिल होने या लोन निकालने जैसी शिकायतें आए दिन सामने आती हैं। इससे संबंधित कॉलेज और यूनिवर्सिटी का नाम भी खराब होता है। शहडोल विवि से जारी होने वाली मार्कशीट में इस तरह की दिक्कत न आए और किसी तरह की छेड़छाड़ न हो सके। इसको ध्यान में रखते हुए विवि प्रशासन ने विशेष तरह की मार्कशीट तैयार करवाई है। इस वर्ष पास होने वाले छात्रों को यह मार्कशीट दी जाएगी।
पेपर में मौजूद है मोनो
मार्कशीट में यूनिवर्सिटी का मोनो इनबिल्ट है। सामान्य रूप में यह नजर नहीं आता है, लेकिन जब इस पर लेजर लाइट डाली जाती है तब वह शो होने लगता है। इसी तरह बॉर्डर लाइन में काफी बारीक अक्षरों में विवि का नाम अंकित है। सामान्य आंखों से इसे नहीं पढ़ा जा सकता है। मैग्नीफाइंड ग्लास की मदद से देखा जा सकता है। अगर कोई मार्कशीट का कलर पिं्रटआउट निकालता है तो उसमें डुप्लीकेट खिलकर आएगा। वहीं इस पर अंकित नंबरों से छेड़छाड़ करने या नंबर बदलने पर उसका रंग बदल जाएगा।
ज्यादा खर्च नहीं
नई मार्कशीट तैयार करवाने में यूनिवर्सिटी को ज्यादा खर्च नहीं करने पड़े हैं। पहले जितने खर्च में मार्कशीट तैयार होती थी। लगभग उतने खर्च में ही इसे तैयार करवाया गया है। प्रदेश में संभवत: पहली बार छात्र-छात्राओं को पहली बार इस तरह की मार्कशीट दी जा रही है। इससे पहले इस वर्ष हो रही परीक्षा के लिए विवि ने बार कोड वाली कॉपियों की शुरुआत की थी। इसी तरह प्रवेश पत्र को टाइम टेबिल के साथ मर्ज कर दिया है। अब वेबवाइट से प्रवेश पर डाउनलोड करने पर संबंधत छात्र का टाइम टेबल भी निकल जाता है।
इनका कहना है
हमारा प्रयास बच्चों को पढ़ाई का बेहतर वातावरण देने के साथ-साथ शिक्षा का उच्चस्तरीय मापदंड कायम करना है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इस मार्कशीट के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी।
प्रो. मुकेश कुमार तिवारी, कुलपति
Created On :   27 April 2018 1:30 PM IST