पोंजी स्कीम पर रोक लगाने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी

Parliament sanctioned to ban Ponzi scheme
पोंजी स्कीम पर रोक लगाने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी
पोंजी स्कीम पर रोक लगाने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी
हाईलाइट
  • विधेयक सोमवार को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ
  • पोंजी स्कीम पर रोक लगाने और भोले-भाले निवेशकों को बचाने के लिए संसद ने अविनियमित जमा योजना पाबंदी विधेयक
  • 2019 को मंजूरी दे दी है
नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। पोंजी स्कीम पर रोक लगाने और भोले-भाले निवेशकों को बचाने के लिए संसद ने अविनियमित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है।

विधेयक सोमवार को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ। लोकसभा ने विधेयक के मसौदे पर 24 जुलाई को ही अपनी मंजूरी दे दी थी।

विधेयक पर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कानून से उन गरीबों की गाढ़ी कमाई की सुरक्षा होगी, जिन्हें अवैध जमा योजनाओं के जरिए धोखा दिया जाता है और उनको गुमराह किया जाता है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा में सदस्यों ने सर्वसम्मति से विधेयक का समर्थन किया और राज्यसभा में इसके पारित होने से भोले-भाले निवेशकों की सुरक्षा का सूत्रपात होगा।

उन्होंने कहा कि लोकसभा में विधेयक को भारी समर्थन मिला और सभी संशोधन वापस ले लिए गए।

अविनियमित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 इस संबंध में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा।

इस विधेयक के तहत सामान्य कारोबार के बजाय अविनियमित जमा पर रोक लगाने की व्यापक प्रक्रिया प्रदान की गई है।

इसमें अविनियमित जमा योजना के विज्ञापन और प्रमोशन को शामिल करने का प्रस्ताव है। साथ ही, इसमें विनियमित जमा योजनाओं में कपट चाल से चूक करने और जानबूझकर झूठे तथ्यों से अविनियमित जमा योजनाओं में निवेश करने के लिए गलत इरादे से जमाकर्ताओं को धोखा देने वाले विज्ञापनों व प्रमोशन को शामिल किया गया है।

विधेयक में इसके लिए अधिकतम 10 साल तक कैद की सजा के साथ-साथ जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

ठाकुर ने बताया कि सामूहिक जमा योजनाओं, चिटफंड आदि के प्रभाव की जांच के बाद संसद की स्थायी समिति ने सितंबर 2015 में अपनी रिपोर्ट दी थी।

उन्होंने कहा, स्थायी समिति ने केंद्रीय कानून लागे करके प्रशासनिक और प्रवर्तन संबंधी उपायों व उचित कानूनी प्रावधानों की सिफारिश की थी।

वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि विधेयक के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को नियम बनाने की शक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के 978 मामले चिन्हित किए गए हैं जिनमें से 326 सिर्फ पश्चिम बंगाल में हैं।

बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस नेता टी. सुब्बारामी रेड्डी ने यह कहते हुए विधेयक का समर्थन किया कि इससे पोंजी स्कीम चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी।

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने भी विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इससे पोंजी स्कीम के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई की लूट समाप्त होगी।

--आईएएनएस

Created On :   29 July 2019 9:00 PM IST

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