ट्विटर को चेतावनी, चुनावों में न होने दें विदेशी दखल, फेसबुक, वॉट्सएप भी तलब
- ट्विटर को संसदीय समिति ने इलेक्शन कमीशन के साथ रियल टाइम बेसिस पर मुद्दों को हल करने को कहा।
- लोकसभा चुनाव से पहले संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया गया था।
- संसदीय समिति ने ट्विटर से लोकसभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन का सहयोग करने को कहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस का दुरुपयोग न हो इसे लेकर संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया गया। सोमवार को इन अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई जिसमें संसदीय समिति ने ट्विटर से लोकसभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन का सहयोग करने को कहा है। उन्हें कहा गया है कि वह इलेक्शन कमीशन के साथ रियल टाइम बेसिस पर मुद्दों को हल करें। इसके अलावा 6 मार्च को फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के अधिकारियों को भी संसदीय समिति ने तलब किया है।
ट्विटर के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट (पब्लिक पॉलिसी) कोलिन क्रॉवेल और माइक्रों-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के दूसरे अधिकारियों के साथ संसदीय समिति की मीटिंग करीब साढ़ें 3 घंटे तक चली। सूत्र बताते हैं कि संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने मीटिंग में ट्विटर के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए विदेशी संस्थाओं द्वारा उसके प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग न किया जाए। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सोशल मीडिया की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे इसी को देखते हुए संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया था।
अनुराग ठाकुर ने एक न्यूज एंजेंसी को बताया कि ट्विटर के अधिकारियों ने पैनल के अधिकांश सवालों के जवाब दिए, लेकिन जिन सवालों के जवाब नहीं दिए गए हैं उसका जवाब उन्हें 10 दिनों में देना होगा। उन्होंने कहा कि पैनल ने सोशल / ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बारे में ट्विटर के प्रतिनिधियों के विचारों को सुना है, उन्होंने फेसबुक, व्हाट्सएप और प्लेटफॉर्म के सार्वजनिक नीति प्रमुखों को भी बुलाया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि ठाकुर ने बैठक के दौरान ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी द्वारा उन्हें संबोधित एक पत्र पढ़ा।
बता दें कि इससे पहले ये बैठक 7 फरवरी को होने वाली थी, लेकिन ट्विटर अधिकारियों के मीटिंग में शामिल होने में असमर्थता जाहिर करने के बाद इसे 11 फरवरी तक टाल दिया गया था। 11 फरवरी को बैठक में शामिल होने के लिए ट्विटर की टीम तो पहुंची लेकिन इस टीम में CEO शामिल नहीं थे। इस वजह से संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर साफ तौर पर कह दिया था कि जब तक ट्विटर के CEO या वरिष्ठ अधिकारी भारत नहीं आएंगे तब तक वह किसी अन्य अधिकारी से मुलाकात नहीं करेंगे।
Created On :   25 Feb 2019 5:45 PM IST