केंद्र सरकार की सूझबूझ से पूर्वोत्तर में आई शांति : बिप्लब देब

Peace brought to the northeast due to central governments understanding: Biplab Deb
केंद्र सरकार की सूझबूझ से पूर्वोत्तर में आई शांति : बिप्लब देब
केंद्र सरकार की सूझबूझ से पूर्वोत्तर में आई शांति : बिप्लब देब
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अगरतला, 25 जनवरी (आईएएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूर्वोत्तर से शुरू हुए आंदोलन की आग अब पूरे देश में फैल गई है, लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों में फिलहाल अपेक्षाकृत शांति बनी हुई है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब देब का कहना है कि केंद्र सरकार की सूझबूझ के कारण देश के इस हिस्से में शांति कायम हो पाई है।

मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने यहां मीडिया से बातचीत में बताया, पूर्वोत्तर, खासकर त्रिपुरा के लोगों के मन में जो डर और समस्याएं घर कर गई थीं, उसका बातचीत के जरिए समाधान किया गया। हमने उन्हें बताया कि यह कानून उनके लिए है, जो 2014 से पहले ही भारत आ गए हैं। इस कानून में किसी नए शरणार्थी को नागरिकता नहीं मिलने जा रही है। इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। यह सिर्फ नागरिकता देने वाला कानून है।

विप्लब ने कहा, इसके अलावा हमने इस कानून के प्रति स्थानीय नागरिकों के मन में जो भ्रम था, उसे दूर किया। केंद्र सरकार ने इसमें हमारी काफी मदद की। प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी प्रतिदिन सुबह और शाम दो बार बातचीत करते थे। वह उत्तर पूर्व के सभी मुख्यमंत्रियों से इस बाबत बात करते थे। प्रधानमंत्री मोदी हर दिन फीडबैक लेते थे और बताते थे कि कैसे लोगों को समझाना है।

असम और त्रिपुरा में प्रदर्शनों का सिलसिला कई दिनों तक चला। कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक भी हो गया। इस आंदोलन की जद में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई स्थानीय नेता भी आए। कई राजनेताओं के घरों में आग लगा दी गई। फिलहाल, पूर्वोत्तर के राज्यों में देश के अन्य भागों की बनिस्बत शांति है।

दिल्ली के शाहीनबाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा, नागरिकता कानून शाहीनबाग के लोगों की असल समस्या है ही नहीं। फिर समाधान कैसे होगा..बीमारी का इलाज टैबलेट से होता है, और यदि बीमारी हो ही ना, तो फिर इलाज किस चीज का होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ फिल्मी कलाकार शाहीनबाग के साथ जरूर हैं, लेकिन देश तो मोदी जी के साथ है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सीएए के विरोध वाले सवाल पर विप्लब देब ने कहा, वह नाहक ही इसे मुद्दा बना रही हैं। ममता बनर्जी को अगले चुनाव में पता चल जाएगा कि जनता किसके साथ है।

विप्लब देब ने आगे कहा, रियांग ट्राइब के लोग अपने ही देश में शरणार्थी बनकर बैठे थे। सालों से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। अब मोदी जी और अमित शाह जी की सरकार ने इस समस्या का समाधान किया है। वे सालों से शरणार्थी कैम्प में रह रहे थे। ऐसा पहली बार हो रहा कि दूसरे राज्य के इतने सारे लोगों को दूसरे राज्य में नागरिकता दी जा रही है।

उन्होंने कहा, त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से जुड़ी है..सीमा पर बाड़ लगाने का काम सिर्फ 41 किलोमीटर शेष है, जो 2022 तक पूरा हो जाएगा। इससे बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों पर रोक लग जाएगी।

गौरलतब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के संसद में पारित होते ही पूरे उत्तर पूर्व में आंदोलन शुरू हो गया था। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के डिब्रूगढ़ स्थित आवास और केंद्रीय राज्यमंत्री रामेश्वर तेली के दुलियाजन स्थित आवास पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव और हमला कर दिया था।

गुवाहाटी के होटल ताज में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के स्वागत में बनाया गया रैंप भी जला दिया गया था। असम के चाबुआ और पानीटोला स्टेशन में आग लगा दी गई थी। मणिपुर, मेघालय और नगालैंड में जनजीवन तकरीबन 20 दिनों तक प्रभावित रहा था।

Created On :   25 Jan 2020 7:30 PM IST

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