पेटा इंडिया ने जयपुर में हुई हाथी की मौत की जांच की मांग की

PETA India demands investigation into elephant death in Jaipur
पेटा इंडिया ने जयपुर में हुई हाथी की मौत की जांच की मांग की
पेटा इंडिया ने जयपुर में हुई हाथी की मौत की जांच की मांग की
हाईलाइट
  • पेटा इंडिया ने जयपुर में हुई हाथी की मौत की जांच की मांग की

जयपुर, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। हाल ही में जयपुर में पर्यटकों की सवारी के लिए इस्तेमाल किए गए चार हाथियों की मौत के बाद द पीपल ऑफ द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) के भारतीय निकाय ने राजस्थान के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को एक पत्र लिखकर घटना की गहन जांच का आदेश देने का अनुरोध किया।

पत्र में पेटा इंडिया के मुख्य एडवोकेसी अधिकारी खुशबू गुप्ता ने कहा, कृपया जयपुर के सभी बंदी हाथियों का टीबी के लिए परीक्षण करें और राजस्थान में किसी भी नए बंदी हाथियों को लाने पर रोक लगाने के लिए एक नीति पेश करें। इन महत्वपूर्ण विषयों को राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन के कार्यालय को 6 अगस्त को लिखे एक पत्र में उठाया गया था। हालांकि, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस साल मार्च से चार हाथियों (संख्या 24, 64, 99 और 132) के टीबी से पीड़ित होने के कारण मरने की आशंका थी।

पत्र में आगे राजस्थान सरकार को चार हाथियों की मौत के वास्तविक कारण की जांच और रिपोर्ट पेश करने की और किसी भी नए हाथी को टीबी से बचाने का अनुरोध किया गया है। पत्र में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट (डब्ल्यूपीए) की धारा 40 (2) के तहत राजस्थान में किसी भी नए बंदी हाथियों के प्रवेश पर रोक लगाने और डब्ल्यूपीए की धारा 51 के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के तहत एक नीतिगत निर्णय लेने की मांग की।

इसी बीच एक प्रेसनोट में पेटा इंडिया ने कहा, चार हाथियों में से दो (रानी, संख्या 99 और चंचल, संख्या 64) की मृत्यु हुई है, उन्हें 2018 में सरकारी निकाय एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की एक जांच के दौरान टीबी से ग्रसित होने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन बाद में राजस्थान वन विभाग द्वारा उन्हें टीबी से मुक्त घोषित किया गया था, जो अब सवाल खड़ा कर रहा है। हमने राजस्थान के वन विभाग से टीबी के लिए जयपुर में सभी हाथियों का परीक्षण करने और बीमार होने वालों के इलाज कराने के लिए कई अनुरोध किए।

पेटा इंडिया के प्रेस नोट में आगे कहा गया, जिस प्रकार राजस्थान सरकार ने कोविड -19 महामारी द्वारा उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं, उसी तरह उसे जनता को एक अन्य घातक जूनोटिक रोग टीबी से बचाना चाहिए। खतरनाक हाथी की सवारी को समाप्त करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा एक नीतिगत निर्णय लागू करने का यह सही समय है।

एमएनएस/जेएनएस

Created On :   21 Sept 2020 7:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story