अंतरिम आदेशों पर स्पष्टीकरण मांगनी वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज

Petition seeking clarification on interim orders dismissed in High Court
अंतरिम आदेशों पर स्पष्टीकरण मांगनी वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज
अंतरिम आदेशों पर स्पष्टीकरण मांगनी वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज
हाईलाइट
  • अंतरिम आदेशों पर स्पष्टीकरण मांगनी वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज

नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्ण पीठ द्वारा दिए गए पहले आदेश पर स्पष्टीकरण मांगने वाले एक आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेश में बेल और पैरोल भी शामिल थे।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ ने 10 साल बाद जेल से रिहा हुए एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया था कि कोर्ट के आदेश में कुछ अस्पष्टता के कारण, पुलिस कथित तौर पर उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर रही थी।

दिल्ली पुलिस के लिए अपील करते हुए दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने तर्क दिया, वे बैकग्राउंड क्यों बना रहे हैं, अगर वे स्पष्टीकरण चाहते हैं कि वे ईमानदारी से कोर्ट में आ सकते हैं, तो वे क्यों कह रहे हैं कि पुलिस उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कह रही है।

मेहरा और याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक सूद की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या वह याचिका वापस लेना चाहते हैं, जिस पर वकील सहमत हो गए।

इसके बाद कोर्ट ने उक्त अर्जी को वापस लेते हुए खारिज कर दिया और कहा, कुछ दलीलों को सुनने के बाद और श्री राहुल मेहरा की सुनवाई के बाद दिल्ली सरकार के एनसीटी के लिए वकील ने याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की मांग की, जिसकी अनुमति दी गई .. याचिका को खारिज कर दिया गया है।

इस 24 अगस्त को हाईकोर्ट की तीन न्यायाधीश की खंडपीठ ने अपने और अपने अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा पारित किए गए सभी अंतरिम आदेशों को 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था।

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की तीन-न्यायाधीश पीठ ने कहा, हम इसे अक्टूबर के अंत तक बढ़ा रहे हैं।

उक्त अंतरिम आदेशों में अंतरिम जमानत, पैरोल, आदि शामिल हैं। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल ने कहा, हम धीरे-धीरे सभी की सहमति से शारीरिक सुनवाई शुरू करेंगे।

उक्त आदेश कोविड -19 महामारी के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए पारित किए गए थे।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   18 Sept 2020 2:31 PM IST

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