लद्दाख: कांग्रेस ने जारी किया LAC पर चीनी सेना की तैनाती का 'ग्राफिक-मैप', राहुल ने कहा- चीन के दबाव में आए पीएम
- ग्राफिक्स के जरिए इस मैप में दिखाया गया कि कहां-कहां चीन की पीएलए सेना के बड़े कैंप
डिजिटल डेस्क, जयपुर। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद को लेकर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के आगे दबाव में आ गए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने चीन की पीएलए सेना की तैनाती को लेकर एक ग्राफिक-मैप भी जारी किया। खास बात ये है कि ये मैप ओपन-सोर्स प्रोवाइडर, "डि-एटैस" ने 6 जुलाई को अपने ट्वीटर एकाउंट पर पोस्ट किया था।
ग्राफिक्स के जरिए इस मैप में दिखाया गया है कि पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर कहां-कहां चीन की पीएलए सेना के बड़े कैंप हैं और कहां-कहां से उसकी सप्लाई-लाइन आ रही है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीन की पीएलए सेना के छह बड़े कैंप हैं। या यू कहें कि इन छह जगह पर हेवी बिल्ट-अप है। इनमें गलवान घाटी, डेपसांग प्लेन, हॉट स्प्रिंग, फिंगर एरिया के ठीक पीछे सिरिजैप और खुरनाक फोर्ट, और डेमोचक शामिल हैं। आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीन की पीएलए सेना के छह बड़े कैंप हैं। या यू कहें कि इन छह जगह पर हेवी बिल्ट-अप है। इनमें गलवान घाटी, डेपसांग प्लेन, हॉट स्प्रिंग, फिंगर एरिया के ठीक पीछे सिरिजैप और खुरनाक फोर्ट, और डेमोचक शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के लिए खुद की छवि देश की संप्रभुता से बड़ी हो गई है। उनको समझना चाहिए देश की संप्रभुता बचेगी, तभी उनकी छवि बचेगी। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि वो इसे समझना नहीं चाह रहे।#TruthWithRahulGandhi pic.twitter.com/IfyLLW3jR7
— Congress (@INCIndia) July 20, 2020
राहुल गांधी ने कहा कि यह साधारण विवाद नहीं है। मैरी चिंता ये है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। मैरा सरकार से सवाय ये है कि चीन की सामरिक रणनीति क्या है? क्योंकि चीन बगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाता है। उसने अपने दिमाग में संसार का नक्शा खींच कर रखा हुआ है और वो अपने हिसाब से उसे आकार दे रहा है। जो वह कर रहा है, वो उसका पैमाना है और उसी के तहत पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह आता है। उसी में बेल्ट एंड रोड आता है।
राहुल गांधी ने कहा कि दरअसल, यह इस संसार की पुनर्रचना है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें तो आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहा है। अब आप सामरिक स्तर पर देखें तो चीन अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, चाहे वह गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पैंगोंग झील। उनका इरादा स्पष्ट है- मजबूत स्थिति में जाना।
फिलहाल हमारे हाईवे से वो परेशान है। वह हमारा हाईवे बर्बाद करना चाहता है, अगर वो कुछ बड़ा सोच रहे हैं तो समझ लीजिए वो कुछ करना चाहते हैं। इसीलिए वह कश्मीर में पाकिस्तान का साथ दे रहा है। इसलिए यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है। यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए सुनियोजित सीमा विवाद है और वह एक खास तरीके से पीएम पर दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं। वह है, उनकी छवि पर हमला करना और वह जानता है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ रहना मजबूरी है। एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए उन्हें अपनी 65 इंच वाली छवि की रक्षा करनी होगी। और, यही वह असली विचार है, जिस पर चीन वार कर रहा है।
इसलिए यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है। यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए सुनियोजित सीमा विवाद है और वह एक खास तरीके से पीएम पर दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं। वह है, उनकी छवि पर हमला करना और वह जानता है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ रहना मजबूरी है। एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए उन्हें अपनी 65 इंच वाली छवि की रक्षा करनी होगी। और, यही वह असली विचार है, जिस पर चीन वार कर रहा है।
Created On :   20 July 2020 8:10 PM IST