पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेंट की

PM Modi presented chadar for Ajmer Sharif Dargah
पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेंट की
इबादत पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेंट की
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में चढ़ाने के लिए चादर भेंट की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह में पेश की जाने वाली चादर भेंट की। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने चादर लेने के लिए मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की।

ईरानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाएगा। आईएएनएस से बात करते हुए सिद्दीकी ने कहा, हम देश में शांति और समृद्धि की दुआ के साथ प्रधानमंत्री द्वारा भेंट की गई चादर लेकर अजमेर शरीफ जा रहे हैं। उनकी कामना है कि भारत विश्वगुरु बने। उनका संदेश शांति और भाईचारे का है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिन्हें ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है, चिश्ती संप्रदाय के एक सूफी संत थे। उन्हें पैगंबर मुहम्मद के प्रत्यक्ष वंशज के रूप में जाना जाता है। सिस्तान (वर्तमान पूर्वी ईरान और दक्षिणी अफगानिस्तान) में जन्मे, उन्होंने लाहौर से दिल्ली तक की यात्रा की और अंत में अजमेर में बस गए। अजमेर में उनका मकबरा, अजमेर शरीफ दरगाह, दुनिया के सबसे पवित्र इस्लामी धार्मिक स्थलों में से एक है।

दुनिया भर से मुसलमान हर साल दरगाह पर नमाज अदा करने आते हैं। केवल मुस्लिम ही नहीं, विभिन्न धर्मों के लोग भी साल भर दरगाह पर आते हैं। सूफी संत की पुण्यतिथि मनाने के लिए, इस्लामिक कैलेंडर के सातवें महीने रजब के पहले छह दिनों के दौरान हर साल अजमेर में उर्स उत्सव मनाया जाता है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को 13वीं शताब्दी की शुरूआत में भारत में सूफी रहस्यवाद के चिश्ती आदेश की स्थापना के लिए भी जाना जाता है। वह पहले संत थे जिन्होंने प्रार्थनाओं में संगीत और भजनों का प्रयोग शामिल किया। ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद एक बार ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सपने में प्रकट हुए और उन्हें भारत में उनका प्रतिनिधि बनने के लिए कहा।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   24 Jan 2023 6:30 PM GMT

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