PM मोदी बोले जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वेदों से सीखें
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि अगर जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटना है तो वेदों का सहारा लेना होगा। पीएम का कहना है कि वेदों में सूर्य को दुनिया की आत्मा बताया गया है। सूरज को जीवन का पोषण करने करने वाला माना गया है। आज जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती से निबटने के लिए हमें उसी प्राचीन आइडिया से रास्ता तलाशना होगा। ये बातें पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस समिट में कही।
Coming together for a cleaner and greener future...President @EmmanuelMacron, PM @narendramodi and other distinguished world leaders come together for the Founding Conference of the International Solar Alliance in Delhi. pic.twitter.com/gSse1NGQ7m
— PMO India (@PMOIndia) March 11, 2018
भारत में वेदों ने हज़ारो साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है। भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है।
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आज जब हम Climate Change जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं तो हमे प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा: PM
गौरतलब है कि रविवार को दिल्ली में इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति भवन के कल्चरल ओडिटोरियम में आयोजित इस समिट में फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों भी शामिल हुए। इस समिट का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए हमें वेदों को सहारा लेना चाहिए। पीएम ने कहा कि सौर ऊजा को बढ़ावा देने के लिए तकनीक, विकास, आर्थिक संसाधन, दामों में गिरावट और नई पद्धति सरीखी चीजों की जरूरत पड़ेगी।
आगे का रास्ता क्या है, यह हम सबको सोचना है।
— PMO India (@PMOIndia) March 11, 2018
मेरे मन में दस action points हैं जो मैं आपसे साझा करना चाहता हूं।
सर्वप्रथम हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेहतर और सस्ती सोलर Technology सबके लिए सुगम और सुलभ हो।
हमें हमारे energy mix में solar का अनुपात बढ़ाना होगा: PM
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया गया है। 2022 तक इससे 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न की जाएगी जिसमें से 100 गीगा वाट बिजली सौर से होगी। पीएम ने कहा कि हमें ये ध्यान रखना होगा कि हमारे पास अच्छी और सस्ती सौर ऊर्जा हो ताकि हमारी सभी जरूरतें पूरी हो सकें।
हमें innovation को प्रोत्साहित करना होगा ताकि विभिन्न आवश्यकताओं के लिए सौर समाधान प्रदान हो सके।
— PMO India (@PMOIndia) March 11, 2018
हमें solar projects के लिए concessional financing और कम जोखिम का वित्त मुहैया कराना होगा: PM
पीएम मोदी ने दिए 10 एक्शन प्वॉइंट्स
- बेहतर और सस्ती सोलर तकनीक सभी के लिए सुगम और सुलभ हो
- ऊर्जा उत्पादन में सौर ऊर्जा का अनुपात बढ़ाना होगा
- नोवेशन को बढ़ावा देना होगा ताकि हमारी अलग-अलग जरूरतों के लिए सौर ऊर्जा उसका विकल्प बन सके
- सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए कम दरों पर ऋण और कम जोखिम का वित्त मुहैया कराना होगा
- नियमन एवं मानकों का विकास करना होगा जो सौर ऊर्जा अपनाने और उनके विकास को गति दें
- विकासशील देशों में bankable solar projects के लिए कंसल्टेंसी सपोर्ट का विकास करना होगा
- हमारे प्रयासों में अधिक समावेशिता और भागीदारी पर बल दिया जाए.
- centers of excellence का एक व्यापक नेटवर्क हो
- सौर ऊर्जा नीति को विकास की समग्रता से देखें, ताकि SDGs की प्राप्ति में इससे ज्यादा से ज्यादा योगदान मिले
- इटरनेशनल सोलर एलायंस सचिवालय को मजबूत और प्रोफेशनल बनाना होगा
हमें centers of excellence का एक व्यापक network बनाना चाहिए
— PMO India (@PMOIndia) March 11, 2018
हमारी solar energy policy को विकास की समग्रता से देखें, ताकि SDGs की प्राप्ती में इससे ज्यादा से ज्यादा योगदान मिले
हमे ISA Secretariat को मज़बूत और professional बनाना चाहिए: PM
कौन-कौन हुए शामिल ?
इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट में 23 राष्ट्राध्यक्ष और विभिन्न देशों के 10 मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के सेकरेट्री-जनरल एंटोनियो गटर्स, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और बांग्लादेश राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने भी शिरकत की।
Created On :   11 March 2018 1:57 PM IST