जनता को लूटने वाली कांग्रेस परेशान, हमने गरीबों के खातों में जमा किए पैसे-मोदी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में चुनाव प्रचार अपने चरम पर जा पहुंचा है। मतदान की तारीख से महज चंद दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है। कर्नाटक में पीएम मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कांग्रेस के लिए नए शब्द की खोज भी की है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद "पीपीपी कांग्रेस" हो जायेगी। पीपीपी कांग्रेस यानी पंजाब, पुडुचेरी और परिवार कांग्रेस रह जाएगी।’ उन्होंने भविष्यवाणी भी की कि राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी इस चुनाव में मटियामेट हो जाएगी। भाजपा ऐसा अनुमान लगा रही है कि पीएम की रैली में मौजूद जनसैलाब वोट में बदलेगा। 12 मई को वोटिंग से पहले पार्टियां पूरी ताकत झोंकने में लगी हैं। देशभर में हाल के समय में अलग-अलग राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मिली जीत का सिलसिला जारी रखने की उम्मीद लगाए बैठी भारतीय जनता पार्टी इस बार भी "मोदी फैक्टर" पर ही भरोसा कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या पीएम मोदी का फैक्टर कर्नाटक चुनाव में भी सफलता दिलाएगा या नहीं।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी इस समय कर्नाटक दौरे पर हैं। पीएम मोदी आज चार जनसभाओं को संबोधित करेंगे। उनकी पहली जनसभा चित्रदुर्गा में जारी है। यहां बड़ी तादाद में बीजेपी समर्थक पहुंचे हैं। उन्होंने जनसभा में कहा कि कांग्रेस दिलवाली नहीं बल्कि डीलवाली है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए कांग्रेस पार्टी सुल्तानों की जयंती मनाने में लगी है, कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर को भी अपमानित किया था।
उन्होंने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक के दागी मंत्रियों को कैरेक्टर सर्टिफिकेट देते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का काम बीजेपी ने किया। कांग्रेस ने उनका अपमान ही किया है।
पीएम मोदी बोले येदियुरप्पा के सीएम बनने के बाद जो योजनाएं थीं, उन्हें कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया। अगर येदियुरप्पा की सरकार बनी तो उन योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा। मोदी ने कहा कि कांग्रेस, चुनाव जीतने के लिए झूठ का मंत्र फैला रही है। चित्रदुर्ग के बाद पीएम मोदी रायचूर में दूसरी रैली कर रहे हैं, इस दौरान मोदी ने कहा, "ऐसे कई लोग हैं, जो एसी रूम में बैठकर कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा होने की बात कर रहे हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आप रायचूर आइए और वोटर्स का मूड देखिए।
रायचूर रैली में मोदी ने कहा, कि "रायचूर शिक्षा, संस्कृति और सभ्यता की धरती है। जब यहां की जनता अलग कर्नाटक के लिए संघर्ष कर रही थी, तब जनसंघ पार्टी आपके साथ खड़ी थी। कांग्रेस को अगर रायचूर की संस्कृति और सभ्यता के बारे में पता होता, तो कर्नाटक का विभाजन नहीं होता।"
रायचूर में रैली के दौरान पीएम ने कहा कि भाजपा विकास को समर्पित है और कांग्रेस विकास के विरोध में है। भाजपा सबका साथ-सबका विकास सोचती है।
मोदी बोले कांग्रेस एक परिवार के लिए सब कुछ करना चाहती है। हमेशा चुनाव जीतने के लिए गरीब-गरीब का जाप करने वाली कांग्रेस की गरीब के बेटे के प्रधानमंत्री बनने के बाद पोल खुल गई है।
कांग्रेस पार्टी इन दिनों झूठ बोलने का मंत्र लेकर चली है, वह पानी से भी मलाई निकालना जानती है। कांग्रेस की सरकार में फर्जी राशन कार्ड बनते थे, हमने सीधे गरीब के खाते में पैसा जमा कराना शुरू कर दिया। अब गरीब को लूटने वालों को परेशानी होने लगी है।
इसके बाद वह जामखंडी और हुबली में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। तूफानी चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने शनिवार को भी चार जनसभाओं को संबोधित किया था।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी बेलगावी जिले में दो चुनावी रैलियां करेंगे। इसके साथ ही वो यहां 2 रोड शो भी निकालेंगे।
इस बीच, कर्नाटक के चुनावी समर में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी कूद पड़ी हैं। सोनिया गांधी 8 मई को कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करेंगी। खास बात यह है कि 8 मई को पीएम मोदी और सोनिया गांधी एक ही जिले में एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
डेढ़ साल बाद चुनाव प्रचार के लिए निकली सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद कहा जा रहा था कि सोनिया गांधी अब सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेंगी। वह केवल सांगठनिक कामकाज में ही योगदान करेंगी। लेकिन उन्होंने जिस तरह कर्नाटक का दौरान करने का कार्यक्रम बनाया है, उसे देखते हुए समझा जा सकता है कि इस चुनाव का कांग्रेस के लिए क्या महत्व है। सोनिया गांधी लगभग डेढ़ साल बाद चुनाव प्रचार के लिए निकली हैं। अगस्त 2016 में वाराणसी में एक रोडशो के दौरान वह बीमार हो गई थीं। बीमारी के कारण उन्हें यह रोडशो बीच में ही छोड़ना पड़ा। तभी से वह किसी भी तरह की चुनावी गतिविधियों से खुद को दूर रखे हुए हैं। सोनिया गांधी कर्नाटक में 7 से 10 मई तक दक्षिणी कर्नाटक और बेंगलुरु के आसपास चुनाव प्रचार करेंगी।
कांग्रेस ने 40 स्टार प्रचारक उतारे
कांग्रेस ने भी अपने 40 स्टार प्रचारकों को यहां मैदान में उतारा हुआ है। अब खुद सोनिया गांधी भी यहां चुनाव प्रचार करने आ रही हैं। उनका 8 मई, मंगलवार को कर्नाटक का दौरा करने का कार्यक्रम है। सेहत ठीक नहीं होने के कारण वे काफी लंबे समय से चुनावी गतिविधियों से खुद को दूर रखे हुए थीं। पंजाब, गोवा, गुजरात, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय में भी वे चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुईं। चूंकि कर्नाटक का चुनाव कांग्रेस के लिए नाक की लड़ाई बन गया है, इस लिए खराब स्वास्थ्य के बावजूद वह एक बार फिर चुनाव मैदान में आ गई हैं।
भाजपा नेताओं ने राज्य में डाला डेरा
मुख्य राजनीतिक दल सत्तारूढ़ कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस का चुनाव प्रचार अपने चरम पर जा पहुंचा है। पिछले दो दिनों से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बीजेपी के तमाम दिग्गज कर्नाटक में डेरा डाले हुए हैं। नरेंद्र मोदी एक दिन में 4-4 चुनावी रैलियां कर रहे हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी समेत 40 नेताओं की टीम अलग-अलग जगहों पर रैलियां, जनसंपर्क और रोडशो कर रही है।
मोदी के करिश्माई नेतृत्व का सहारा
नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता की बदौलत बीजेपी ने सन 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि मोदी का करिश्मा इस तटवर्ती राज्य के विधानसभा चुनाव में भी काम आ सकता है। यही वजह है कि पार्टी संगठन ने उनकी रैलियों की संख्या बढ़ा दी हैं। मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ भी चुनाव प्रचार के प्रमुख चेहरे हैं।
यह है जीत का गणित
4.90 करोड़ मतदाताओं वाले कर्नाटक राज्य में विधानसभा की 224 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 223 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने 121 सीटों पर जीत हासिल करते हुए दक्षिण भारत के अपने पुराने गढ़ पर कब्जा कर लिया था। जबकि, भाजपा के खाते में 40 सीटें आई थीं जेडीएस ने 40 सीटें जीती थीं। 22 सीटें अन्य के खाते में गई थीं। 224 विधासभा सीटों वाले इस राज्य में सरकार बनाने के लिए 113 सीटें जीतना जरूरी हैं।
सिद्धारमैया ने खेला लिंगायत कार्ड
राज्य की राजनीति में सिद्धारमैया ही एकमात्र प्रमुख चेहरा है। पार्टी में उनके कद का दूसरा नेता नहीं है। 69 साल के सिद्धारमैया 2013 से मुख्यमंत्री हैं। इनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पिछली बार भाजपा को हराकर 122 सीटें जीतीं। उन्होंने पिछले कुछ वक्त से एक ऐसे नेता के रूप में अपनी छवि बनाने की कोशिश की है, जो भाजपा के हिंदी और हिंदू के नारे का विरोध करता है। वे अपने भाषणों में कन्नड़ और दक्षिण भारतीय अस्मिता की बात करते रहे हैं। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से हैं। कुल आबादी में इनकी 8% हिस्सेदारी है। उन्होंने भाजपा को रोकने के लिए लिंगायतों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का कार्ड खेला है।
भाजपा को येदियुरप्पा का सहारा
कर्नाटक में युदियुरप्पा को बीजेपी का पर्याय माना जाता है। 75 साल के येदियुरप्पा लिंगायत नेता हैं और उनका राज्य की राजनीति में खासा दखल है। राज्य में 17 फीसदी लिंगायत मतदाता हैं। वह 2007 में एक बार सात दिनों के लिए और बाद में 2008 में सीएम बने। 2008 में उन्होंने अपने दम पर भाजपा को जिताया। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पार्टी की ओर से उन पर दबाव बना। उन्हें 2011 में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। इससे नाराज होकर येदियुरप्पा ने 2012 में भाजपा छोड़ दी थी और कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का गठन किया। उनके पार्टी से अलग होने के बाद 2013 में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी उन्हें फिर बीजेपी में ले आए और इसके नतीजे भी दिखाई दिए। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य की 28 में से 17 लोकसभा सीटें मिलीं थीं।
वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय
कर्नाटक की राजनीति में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय से 14 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इन समुदायों की सामर्थ्य का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 50 फीसदी सांसद और विधायक इसी समुदाय से आते हैं। 224 मौजूदा विधायकों में 55 वोक्कालिगा समुदाय से हैं और 52 लिंगायत कम्युनिटी से आते हैं। राज्य की 100 विधानसभा सीटों पर लिंगायत और 80 सीटों पर वोक्कालिगा समुदाय असर डालता रहा है। अब तक हुए 14 सीएम में 8 लिंगायत समुदाय से रहे हैं, जबकि 6 वोक्कालिगा समुदाय से हुए हैं।
पहली बार धर्म पर इतना केंद्रित हुआ चुनाव
कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर 3 महीने से भाजपा और कांग्रेस अध्यक्षों के बीच मंदिर और मठों में जाने की होड़ लगी है। राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत 10 फरवरी को मंदिर दर्शन से शुरू की थी। वह पिछले 85 दिनों में राज्य के आठ चुनावी दौरे कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने राज्य में करीब 18 दिन गुजारे हैं और अब तक 19 मंदिरों में जा चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी पिछले 75 दिन में 27 मंदिरों और मठों में दर्शन कर चुके हैं। माना जा रहा है कि इस कवायद के पीछे राज्य के 85 फीसदी हिंदू मतदाता हैं, जो राज्य की 200 सीटों पर निर्णायक हैं। राज्य के 30 जिलों में लिंगायत, कुरबा, वोक्कालिगा के 600 से ज्यादा मठ हैं। तीनों समुदायों के मतदाताओं का प्रतिशत लगभग 38 फीसदी बैठता है।
राज्य में दलित आबादी सबसे ज्यादा
राज्य में सबसे ज्यादा 19 फीसदी दलित आबादी है। दलित मतदाता हमेशा से ही राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। मुस्लिमों और ओबीसी की जनसंख्या 16 फीसदी है। राज्य में लिंगायतों की जनसंख्या 17 फीसदी है, जबकि वोक्कालिगा समुदाय की आबादी 11 फीसदी है। जबकि अन्य 21 फीसदी हैं। यहां के मतदाता ज्यादातर जातीय समुदायों में विभाजित हैं।
बनाए गए 56696 मतदान केंद्र
कर्नाटक में निष्पक्ष तरीके से मतदान कराने के लिए 56 हजार 696 बूथ बनाए हैं। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में 52 हजार 34 बूथ बनाए गए थे। पिछले चुनाव से इस बार 9 फीसदी ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दिव्यांगो के लिए इस बार मतदान केंद्रों पर विशेष प्रबंध किया गया है, ताकि वे आसानी से अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। निर्वाचन आयोग ने बताया कि 450 से अधिक बूथों की कमान महिलाओं के हाथ में सौंपी गई है। ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। दिव्यांगों, महिलाओं के लिए बूथों पर खास इंतजाम किए जाएंगे।
इन तीन मुद्दों पर केंद्रित है राज्य की राजनीति
लिंगायत : कांग्रेस सरकार लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने का कानून बना कर केंद्र सरकार को भेज चुकी है। केंद्र सरकार ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं की है। इसलिए सिद्धारमैया राज्य में लिंगायतों को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि यह येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकने की कोशिश में सिद्धारमैया ने लिंगायत को पृथक धर्म का दर्जा देने का मुद्दा उठाया है।। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से हैं और राज्य की राजनीति का महत्वपूर्ण चेहरा हैं।
हिंदुत्व : भाजपा आरोप लगाती रही है सिद्धारमैया सरकार हिंदू विरोधी है। उसका आरोप है कि बीते पांच सालों में राज्य में 24 संघ कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। हिंदू विरोधी होने की छवि तोड़ने के लिए ही राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों और लिंगायत -दलितों के मठों में जा रहे हैं।
भ्रष्टाचार : फरवरी के आखिरी सप्ताह में राज्य के दौरे पर आए नरेंद्र मोदी ने सिद्धारमैया सरकार को "सीधा रुपैया" सरकार कहा था। उन्होंने कहा कि कोई भी काम हो, यहां पैसा ही चलता है। दूसरी ओर, कांग्रेस, येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली पिछली राज्य सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए चुनाव प्रचार कर रही है।
समझ नहीं आता कांग्रेस चुनाव में पाक को क्यों शामिल करती है : शाह
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ पर कड़ी प्रतिक्रिया की है। शाह ने कहा पता नहीं क्यों मणिशंकर अय्यर हर बार भारत में होने वाले चुनाव से पाकिस्तान को जोड़ देते हैं। इससे पहले उन्होंने गुजरात चुनाव में भी पाकिस्तान को घसीट लिया था। शाह ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा कि कांग्रेस और पाकिस्तान के बीच साझा समझ का गजब तालमेल है। कांग्रेस ने गुजरात चुनाव की तरह ही कर्नाटक चुनाव में भी पाकिस्तान को घसीट लिया। शाह ने ट्वीट में लिखा कल पाकिस्तान सरकार ने टीपू सुल्तान को याद किया था, जिसकी जयंती कांग्रेस धूमधाम से मनाती है। आज मणिशंकर अय्यर ने जिन्ना की तारीफ की है।
2014 के बाद 14 राज्यों में पाकिस्तान का किया जिक्र
यह पहली बार नहीं है, जब चुनाव में पाकिस्तान को लेकर बहस छिड़ी है। सन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से कर्नाटक 22वां राज्य है, जहां चुनाव हो रहे हैं। इनमें से 14 राज्यों में भाजपा और कांग्रेस ने पाकिस्तान से जुड़ी बातों को चुनावी मुद्दा बनाया है। इनमें से 7 राज्यों में भाजपा को फायदा और 4 में नुकसान हुआ है। जिन राज्यों में पाकिस्तान को मुद्दा बनाया गया उनमें गुजरात, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, दिल्ली, असम, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और अब कर्नाटक शामिल हैं।
कांग्रेस डूबता हुआ जहाज, दूरी बनाएं : येदियुरप्पा
कर्नाटक में भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने बेलागावी की चुनावी सभा में कहा कि जो वोट डालने ना आए, उसके हाथ-पैर बांधकर ले आओ और किट्टूर सीट से भाजपा के उम्मीदवार महंतेश डोड्डागौड़ के पक्ष में वोट डलवाओ।
पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने कहा अब आराम मत कीजिए, अगर आपको लगता है कि कोई वोट नहीं डाल रहा है, तो उसके घर में जाइए। उसके हाथ पैर बांधकर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट डलवाइए। उन्होंने दावा किया कि कर्टनाक के सीएम सिद्धारमैया चांमेंडेश्वरी और बादीमी दोनों सीटों से चुनाव हारेंगेा। उन्होंने कहा कांग्रेस डूबता जहाज इस लिए भाजपा के पक्ष में मतदान कीजिए।
Created On :   6 May 2018 11:09 AM IST