PNB Fraud Case: अब CBI की गिरफ्त में ब्रैडी हाउस के GM राजेश जिंदल
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हुआ घोटाला उजागर होने के बाद सीबीआई की कार्रवाई लगातार जारी है। सीबीआई की टीम ने इस मामले में PNB के जनरल मैनेजर रैंक के अधिकारी राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया है। राजेश जिंदल 2009 से 2011 के बीच मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में ब्रांच हेड थे। बता दें फिलहाल जिंदल वर्तमान में जीएम क्रेडिट, पीएनबी हेड ऑफिस नई दिल्ली में तैनात है।
इससे पहले मंगलवार को सीबीआई ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक बड़ा नाम विपुल अंबानी का है जो फायरस्टार इंटरनेशनल डायमंड समूह के अध्यक्ष हैं। विपुल अंबानी के अलावा गिरफ्तार लोगों में तीन आरोपी कंपनियों में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कविता मानकीकर, फायरस्टार ग्रुप के सीनियर एक्जीक्यूटिव अर्जुन पाटिल, नक्षत्र ग्रुप के सीएफओ कपिल खंडेलवाल और गीतांजलि ग्रुप के प्रबंधक नितेन शाही शामिल है।
नीरव मोदी की कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी हैं विपुल
विपुल अंबानी का गिरफ्तार होना हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए गए करीब 11,300 करोड़ के PNB घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सीबीआई व अन्य जांच एजेंसियां पिछले कई दिनों से विपुल से पूछताछ कर रही थीं। बता दें कि विपुल अंबानी, नीरव मोदी कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) हैं और कंपनी के वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी रखते हैं।
पहली FIR के तहत कविता और अर्जुन की गिरफ्तारी
विपुल अंबानी के साथ कंपनी की कार्यपालक सहायक और तीन आरोपी कंपनियों की पदाधिकारी कविता मानकीकर और फायरस्टार ग्रुप के वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल को CBI ने पहली FIR के आधार पर गिरफ्तार किया है। इस FIR के सिलसिले में 6498 करोड़ रुपए मूल्य के 150 ‘लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग’ (एलओयू) की जांच की जा रही है।
दूसरी FIR के तहत कपिल और नितेन की गिरफ्तारी
नक्षत्र ग्रुप के सीएफओ कपिल खंडेलवाल और गीतांजलि ग्रुप के प्रबंधक नितेन शाही को CBI द्वारा दर्ज दूसरी FIR के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस FIR के सिलसिले में 4,886 करोड़ रुपये के 143 एलओयू की जांच की जा रही है।
क्या होता है LoU ?
लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक को भेजी गई एक गारंटी है, जिसके आधार पर विदेशों में स्थित ब्रांच से लोन लिया जा सकता है। LOU जारी करने वाला बैंक इसके माध्यम से दूसरे बैंक को गारंटी देता हैं कि अगर व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो उसका लोन वह बैंक खुद चुकाएगा।
क्या है PNB घोटाला?
देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।
Created On :   21 Feb 2018 8:42 AM IST