नीरव के वकील बोले- जो 2G-बोफोर्स में हुआ, वही PNB के केस में भी होगा

नीरव के वकील बोले- जो 2G-बोफोर्स में हुआ, वही PNB के केस में भी होगा
नीरव के वकील बोले- जो 2G-बोफोर्स में हुआ, वही PNB के केस में भी होगा
नीरव के वकील बोले- जो 2G-बोफोर्स में हुआ, वही PNB के केस में भी होगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 11,356 करोड़ रुपए के स्कैम में आरोपी डायमंड मर्चेंट नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया है कि जो 2G और बोफोर्स में हुआ है, वही अंजाम इस केस में भी होगा। उन्होंने कहा कि इस केस में हल्ला मचाया जा रहा है, लेकिन कोर्ट में आरोप साबित करने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है। अग्रवाल ने कहा कि नीरव मोदी पर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं और वो बरी हो जाएंगे। बता दें कि विजय अग्रवाल 2G केस में भी आरोपियों का केस लड़ चुके हैं और हाल ही में सीबीआई कोर्ट ने 2G में सभी आरोपियों को बरी किया है।

नीरव दोषी होते, तो वो 5600 करोड़ छोड़कर जाते? 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डायमंड मर्चेंट नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया कि "नीरव मोदी के खिलाफ जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो सार गलत हैं। अगर उन्होंने कोई फ्रॉड किया होता, तो वो क्यों 5600 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी पीछे छोड़ कर जाते, जिसे इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने जब्त कर लिया है।" उन्होंने कहा कि "अगर नीरव मोदी का फ्रॉड कर भागने का इरादा होता, तो वो अपना सब कुछ विजय माल्या की तरह ही विदेश ले जाते।" अग्रवाल ने दावा किया कि "कोर्ट में इस केस का भी वही अंजाम होगा, जो बोफोर्स और 2G का हुआ। इन्वेस्टिगेशन एजेंसियां खूब हल्ला मचा रही हैं, लेकिन कोर्ट में पेश करने के लिए उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है।"

इस केस में तार्किकता ही नहीं है : अग्रवाल

इसके आगे एडवोकेट विजय अग्रवाल ने कहा कि "नीरव मोदी के खिलाफ PNB केस का ट्रायल नहीं टिकेगा, क्योंकि कोई बी इसे तार्किक ढंग से नहीं देख रहा है। यही सब 2G और बोफोर्स में भी हुआ था और अब इस केस में भी यही होने जा रहा है।" उन्होंने कहा कि "एक डायमंड कारोबारी को कितनी देर लगती है अपनी प्रॉपर्टीज को डायमंड में तब्दील करने में और उन्हें बाहर ले जाने में। अगर नीरव मोदी वाकई दोषी होते, तो उन्होंने ये सब कबका कर लिया होता।" विजय अग्रवाल ने आगे कहा कि "अभी नीरव मोदी के खिलाफ आरोप तय नहीं हुए हैं, सिर्फ FIR हुई है और FIR हमेशा ही पूरी तस्वीर नहीं दिखाती है।"

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कहना बहुत आसान, लेकिन करना मुश्किल

मीडिया से बात करते हुए कहा कि "कहना बहुत आसान होता है, जबकि कोर्ट में इसे साबित कर पाना बहुत मुश्किल होता है। 2G केस में हमने 200 करोड़ रुपए की रिश्वत के बारे में सुना था, क्या हुआ उसका?" अग्रवाल ने बैंक पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि "बैंक की तरफ से मोटे चार्ज वसूल किए जाते हैं। बैंक के डायरेक्टर्स नहीं जानते कि कैसे ये ब्रांच बैंक चार्जेस के जरिए इतना पैसा कमा रही थी? अगर मैसेज बिना किसी की जानकारी के भेजे जा रहे थे, तो बैंक उन पर चार्ज कैसे वसूल रहा था?" उन्होंने कहा कि "2G केस और बोफोर्स केस दोनों में ही मीडिया ने कई सारे तथ्य गिनाए थे, लेकिन क्या हुआ?"

मेरा धंधा चौपट हुआ, नहीं लौटाउंगा पैसे : मोदी

वहीं PNB स्कैम के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने बैंक को पैसा लौटाने से साफ मना कर दिया है। 15-16 फरवरी को मोदी ने एक लेटर लिखकर कहा है कि बैंक की जल्दबाजी के कारण मेरा धंधा चौपट हुआ है और अब बैंक ने रिकवरी के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं। मोदी ने अपने लेटर में लिखा कि "बैंक ने 11 हजार करोड़ की देनदारी बताई है, उतनी है ही नहीं। बल्कि ये तो 5000 करोड़ से भी कम की है। मैंने आपको कहा था कि मुझे मेरी संपत्तियों को बेचने की इजाजत दें और अपना लोन रिकवर करें। भारत में मेरे बिजनेस की वैल्यू करीब 6500 करोड़ रुपए है और इससे बैंक का कुछ कर्ज लौटाया जा सकता था, लेकिन अब ये मुमकिन नहीं है, क्योंकि मेरे सारे अकाउंट्स फ्रीज हैं और संपत्तियां सील कर दी गई हैं।" नीरव ने इस लेटर में आगे लिखा कि "इस केस में मेरे भाई, मेरी पत्नी और मेरे अंकल का नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया है। अब जो भी मैंने किया, उसका सामना मैं करूंगा।"

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क्या है  PNB घोटाला? 

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।

Created On :   20 Feb 2018 11:39 AM IST

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