चेन्नई: फर्जी दस्तावेजों पर असली पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का खुलासा, 10 हिरासत में
- 3 से 5 लाख रुपये में डील फिक्स करता था गिरोह।
- तीस सालों से चल रहे गिरोह के 10 लोगों को सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने हिरासत में लिया है।
- फर्जी तरीके से असली पासपोर्ट बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़।
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। फर्जी तरीके से असली पासपोर्ट बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने किया है। ये गिरोह करीब तीस सालों से इस काम में लिप्त था। यह गिरोह विदेशियों का पासपोर्ट भारतीय नागरिक के तौर पर बनवाता था। पुलिस ने इस मामले में मौके से 10 लोगों को गुंडा ऐक्ट के तहत हिरासत में लिया है। शुक्रवार को भी पुलिस ने इस चार लोगों को हिरासत में लिया था। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह के तार देश में कई अन्य जगहों पर भी फैले है।
पोस्टमैन और पुलिसकर्मियों को देते थे घूस
ये गिरोह विदेशी नागरिक, खासकर शरणार्थी शिविरों में श्रीलंकन तमिल, त्रिपलीकेन, अन्ना नगर और वेलाचेरी के लोगों को संपर्क करता था और 3 से 5 लाख रुपये में डील फिक्स करता था। इसके बाद गिरोह के सदस्य फर्जी तरीके से राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड के सहारे बैंक अकाउंट और आधार कार्ड बनवा लेते थे। डॉक्यूमेंट तैयार होने के बाद एजेंट पासपोर्ट के लिए अप्लाई करता था। गिरोह ऐड्रेस वेरिफिकेशन के लिए पुलिसकर्मियों को घूस भी देता था। वहीं पासपोर्ट डिलीवरी करने वाला पोस्टमैन भी गिरोह के इशारे पर काम करता था। इसके लिए उसे बकायदा पैसे दिेए जाते थे। पासपोर्ट की उसी जगह डिलीवरी की जाती थी जहां पर गिरोह उसे पासपोर्ट डिलीवरी करने के लिए कहता था। जब पासपोर्ट तैयार हो जाता तो फिर उसके बाद वीजा के लिए अप्लाई किया जाता था।
पुलिस ने CRPF कॉन्सटेबल को भी किया था अरेस्ट
गिरोह का भंडाफोड़ करने वाले एक जांच अधिकारी ने बताया कि फर्जी पासपोर्ट तैयार कर श्रीलंका के कई लोगों को इस गिरोह ने ऑस्ट्रेलिया भेजने में मदद की है। शुरुआती जांच में पता चला है कि कॉन्सटेबल के मुरुगन (49) और पोस्टमेन धनाशेखरन (56) ने कुछ ट्रेवल एजेंट्स की मदद से 15 से ज्यादा लोगों को ओरिजनल पासपोर्ट दिलवाए थे। जबकि इन लोगों के पास कोई वैध पता और पहचान प्रमाण पत्र नहीं था। इसके लिए वह हर एक पासपोर्ट के एवज में 1000 रुपए लेते थे। इससे पहले पुलिस ने CRPF कॉन्सटेबल आर क्रिस्टोफर (40) और एस मणिवन्नन (41) को 8 मई को गिरफ्तार किया था। क्रिस्टोफर काउंटर ऑफिसर के तौर पर चेन्नई एयरपोर्ट पर 6 महीने के डेप्यूटेशन पर तैनात था। जबकि मणिवन्नन एयपोर्ट के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस में अस्थाई चपरासी के तौर पर तैनात था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य केवल चेन्नई में ही नहीं बल्कि उन जगहों को भी टार्गेट करते थे जहां पर वो अधिकारियों को सेट कर सकते हों।
Created On :   14 July 2018 8:04 PM IST