आरटीआई के दायरे में आएंगे सियासी दल, चुनाव आयोग सार्वजनिक करेगा चंदे की जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक आरटीआई आवेदन पर केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि पालिटिकल पार्टीज भी राइट टू इनफार्मेशन के दायरे में आती हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि विभिन्न राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की जानकारी आरटीआई के तहत मांगी जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने एक आरटीआई पर कहा था कि पालिटिकल पार्टीज आरटीआई के दायरे में नहीं आतीं। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश के बाद इलेक्शन कमीशन ने अपना स्टैंड बदलते हुए कहा है कि पालिटिकल पार्टीज भी आरटीआई कानून के दायरे में आने वाली पब्लिक अथारिटी हैं।
सार्वजनिक होगी चंदे की जानकारी
चुनाव आयोग ने अपने एक बयान में स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय पार्टियों को आरटीआई कानून से जुड़े आशयों के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने के CIC के 3 जून, 2013 के एक आदेश का वह पालन करेगा। सीआईसी के आदेश में इस बारे में कहा गया था कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदों के साथ ही उनके सालाना ऑडिटेड खातों से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा।
पहले जानकारी देने से किया था इनकार
यह अपीली आदेश विहार धुर्वे के आरटीआई आवेदन पर आया है, जिसमें उन्होंने छह राष्ट्रीय पार्टियों - कांग्रेस , भाजपा , राकांपा , बसपा, माकपा और भाकपा द्वारा चुनावी बॉन्ड के रूप में प्राप्त चंदे का विवरण मांगा था। उनकी पहली अपील पर चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मांगी गई जानकारी आयोग के पास उपलब्ध नहीं है। यह राजनातिक पार्टियों से जुड़ा मामला है और वे आरटीआई के दायरे से बाहर हैं।
Created On :   30 May 2018 10:57 AM IST