सिंधिया के मप्र दौर से सियासी कयासबाजी को मिली हवा

Political speculation got wind due to Scindias MP phase
सिंधिया के मप्र दौर से सियासी कयासबाजी को मिली हवा
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भोपाल, 16 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष पद के बड़े दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्य के चार दिनी दौरे ने सियासी हलकों में कयासबाजी को हवा दे दी है। सिंधिया का यह दौरा भावी प्रदेश अध्यक्ष की तलाश और राज्यसभा चुनाव की चर्चाओं के बीच हो रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद सिंधिया गुरुवार से 19 जनवरी तक प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सिंधिया का अपने लोगों से मेल-मुलाकात का दौर तो चलेगा ही, वहीं 17 जनवरी को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना सबसे अहम होगा।

कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब सिंधिया कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। सवाल उठ रहा है कि इस बैठक में पार्टी के कौन-कौन से नेता मौजूद रहते हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री कमल नाथ के पास वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है। वे लगातार इससे अपने को मुक्त करना चाहते हैं, मगर पार्टी हाईकमान उन्हें बीते एक साल से अभी यह जिम्मेदारी संभाले रहने को कहता आ रहा है। पार्टी में नए अध्यक्ष की तलाश जारी है।

जो नाम सामने हैं, उसमें सबसे मजबूत दावेदार सिंधिया को ही माना जा रहा है। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों में उमंग सिंघार, कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम के नाम भी कतार में हैं।

एक तरफ जहां सिंधिया को पार्टी के भावी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर देखा जा रहा है, तो दूसरी ओर उन्हें राज्य में खाली हो रही राज्यसभा की तीन सीटों में से एक पर भेजे जाने की चर्चा है।

राजनीति के जानकारों का मानना है कि ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया भी समय-समय पर राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करके अपनी ताकत का अहसास कराते रहते थे, ज्योतिरादित्य उसी तरह की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पिछले कुछ अरसे में ज्योतिरादित्य ने अपने प्रभाव वाले क्षेत्र ग्वालियर-चंबल से बाहर निकलकर अपनी सक्रियता बढ़ाई है। उसी क्रम में यह दौरा हो रहा है, ताकि सब तरफ उनकी सक्रियता दिखे और स्वीकार्यता बने।

सिंधिया के करीबियों में गिने जाने वाले भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा से विधायक ओ.पी.एस. सिंह भदौरिया हालांकि सिंधिया के इस दौरे को सामान्य दौरा मानते हैं। उन्होंने कहा, कार्यकर्ता की भावना सिंधिया के साथ है, निश्चित रूप से इस समय पार्टी संगठन की सिंधिया जरूरत भी है, उनकी सक्रियता कार्यकर्ता में स्फूर्ति लाता है और इस समय कार्यकर्ता में स्फूर्ति लाने के लिए यह दौरा जरूरी भी है। इस दौरे से कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ेगा और स्फूर्ति भी आएगी।

सिंधिया के इस दौरे को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भदौरिया नहीं जोड़ते। उनका कहना है कि सिंधिया अक्सर दौरा करते रहते हैं, हमेशा कार्यकर्ताओं के बीच रहते हैं, कार्यकर्ताओं की मांग थी, इसलिए उनका यह दौरा हो रहा है। इस दौरे को प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी से जोड़ना कतई ठीक नहीं हेागा।

वहीं राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटैरिया सिंधिया के इस दौरे को राजनीतिक प्रवास ही मानते हैं। उनका कहा है कि सिंधिया राजनेता के तौर पर राजनीतिक यात्राएं ही करेंगे, कोई धार्मिक यात्रा तो करेंगे नहीं, आने वाले समय में राज्यसभा चुनाव होना है और प्रदेश अध्यक्ष पद का चयन होना है, दोनों पदों पर उनकी दावेदारी है। इन स्थितियों में वे अपने समर्थकों को तौल रहे हैं।

राज्य के दौरे से पहले सिंधिया की पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात हो चुकी है। इस मुलाकात को राजनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है। वहीं सिंधिया का रास्ता रोकने के लिए राज्य में कई बड़े नेता लगे हुए हैं। इन स्थितियों में सिंधिया के दौरे ने कयासबाजी को हवा तो दे ही दी है।

Created On :   16 Jan 2020 3:00 PM GMT

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