AMU से हटाई गई मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर, सफाई का दिया हवाला

Portrait of Mohammed Ali Jinnah has been removed by AMU university
AMU से हटाई गई मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर, सफाई का दिया हवाला
AMU से हटाई गई मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर, सफाई का दिया हवाला

डिजिटल डेस्क, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर घमासान छिड़ा है। इस बीच बुधवार को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस तस्वीर को हटा लिया। हालांकि एएमयू प्रशासन का कहना है कि तस्वीर हटाई नहीं गई है इसकी सफाई की जा रही है। बता दें कि BJP सांसद सतीश गौतम ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर लगाने का कारण पूछा था। वहीं योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिन्ना को महापुरुष करार दिया था। जिसके बाद से ही ये विवाद गहरा गया है।

सफाई के लिए उतारी गई तस्वीर
छात्र संघ से उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान राथर ने कहा कि यूनियन हॉल के डिबेटिंग क्लब में आज हामिद अंसारी का कार्यक्रम है। जिसके चलते कुछ तस्वीरों को सफाई के लिए उतारा गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा मुसलमानों को देश से भगाना चाहती है। इसी के चलते अब यह नई चाल चली है। वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी ने भी कहा कि जिन्ना साहब की तस्वीर हटाई नहीं गई है। सिर्फ हॉल की साफ सफाई चल रही है। हमारे यहां जब कोई मेहमान आता है तो साफ- सफाई कराई जाती है। लेकिन शायद संघ और भाजपा में यह परंपरा नहीं है। 

 



हामिद अंसारी ने साधी चुप्पी
भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी इस समय अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ही है। उनके साथ उनकी पत्नी सलमा अंसारी भी आई है। अंसारी एएमयू के गेस्ट हाउस नंबर तीन में रुके है। हामिद अंसारी ने जब यूनिवर्सिटी में लगी तस्वीर को हटाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि राजनीति करने वालों से ऐसे सवाल किए जाएं। वह दस साल सरकार में रहे, लेकिन सिर्फ काम किया है। वहीं उनकी पत्नी ने कहा कि एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगे रहने में कोई एतराज नही है। यह तस्वीर 1938 में लगाई गई थी। तस्वीर लगी रहनी चाहिए।

 



BJP सांसद ने लिखा था पत्र
गौरतलब है कि BJP सांसद सतीश गौतम और BJP के अन्य नेताओं ने  जिन्ना की तस्वीर यूनिवर्सिटी से हटने का समर्थन किया था। इसे लेकर सतीश गौतम ने एक पत्र भी लिखा था। सतीश गौतम ने कुलपति को लिखे गए पत्र में कहा था कि अगर विश्विद्यालय में किसी की तस्वीर लगानी ही है तो उन्हें महेंद्र प्रताप जैसे महान व्यक्तियों की तस्वीर लगानी चाहिए, जिन्होंने विश्विद्यालय बनाने के लिए अपनी जमीन दान में दी थी। जिसके बाद विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया था। किदवई ने तस्वीर लगाने का कारण बताते हुए कहा था कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। 

 



योगी के मंत्री ने जिन्ना को बताया था महापुरुष
वहीं योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिन्ना को महापुरुष करार दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा था कि, "देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का देश में योगदान था। जिन महापुरुषों ने इस राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दिया है, यदि कोई उन पर उंगली उठता है तो यह घटिया बात है।" मौर्या ने कहा कि इस प्रकार का बकवास बयान चाहे उनके पार्टी के सदस्य सांसद-विधायक दें या दूसरे पार्टी के, उनकी राष्ट्र के लोकतंत्र में थोड़ी भी मान्यता नहीं है। मौर्या ने ऐसा बयान देकर अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया था। 

Created On :   2 May 2018 5:39 PM IST

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