इधर बार काउंसिल की धमकी, उधर राष्ट्रपति ने लगाई कॉलेजियम की सिफारिश पर मुहर

इधर बार काउंसिल की धमकी, उधर राष्ट्रपति ने लगाई कॉलेजियम की सिफारिश पर मुहर
इधर बार काउंसिल की धमकी, उधर राष्ट्रपति ने लगाई कॉलेजियम की सिफारिश पर मुहर
इधर बार काउंसिल की धमकी, उधर राष्ट्रपति ने लगाई कॉलेजियम की सिफारिश पर मुहर
हाईलाइट
  • दोनों जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के विरोध के बीच राष्ट्रपति ने नियुक्ति को मंजूरी दी है।
  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी इन दोनों जजों की नियुक्ति की सिफारिशों के विरोध में थी।
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विवादों के बीच जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त कर दिया है। दोनों जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों का पहले ही विरोध हो रहा था। ऐसे में राष्ट्रपति द्वारा दोनों जजों की नियुक्ति को मंजूरी देने के बाद विवाद और बढ़ सकता है। इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इन दोनों जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों का विरोध किया था। बार काउंसिल ने कहा था कि कॉलेजियम को अपने नए फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए, वरना हम लोग धरने फर बैठ जाएंगे।

बता दें कि दिनेश माहेश्वरी वर्तमान में कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं, वहीं संजीव खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज हैं। कॉलेजियम ने इन दोनों जजों का नाम सुप्रीम कोर्ट के जज लिए भेजा था, जिसका विपक्षी दल, कई कानून विशेषज्ञ और बार काउंसिल विरोध कर रही थीं। दरअसल, कॉलेजियम ने दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए जस्टिस मेनन और जस्टिस नंदराजोग का नाम तय किया था, लेकिन जनवरी में इन दोनों की जगह दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना के नाम भेजे गए। विपक्षी दलों का आरोप है कि केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद कॉलेजियम ने नामों की पलटी की है।

बार काउंसिल चेयरमैन एमके मिश्रा ने इस पर कहा था कि हमारा डेलिगेशन कॉलेजियम के पास जाएगा और उनसे इस नए फैसले को वापस लेने के लिए कहेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम धरने पर बैठेंगे। मिश्रा ने बताया था कि जस्टिस खन्ना और जस्टिस माहेश्वरी की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर अन्य जजों में जबरदस्त विरोध है। उन्होंने कहा था, "दिसंबर में कॉलेजियम ने जस्टिस मेनन और जस्टिस नंदरोजग के नामों की सिफारिश की थी। लेकिन अब अचानक 20-25 दिनों बाद कॉलेजियम ने यू-टर्न क्यों लिया। यह सोचने वाली बात है।" हालांकि बार काउंसिल के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से मिलने से पहले ही राष्ट्रपति ने दोनों जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
 

Created On :   16 Jan 2019 2:59 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story