पीएम शहरी आवास योजना का लक्ष्य अधूरा, 3 साल में बनें सिर्फ 3 लाख मकान

पीएम शहरी आवास योजना का लक्ष्य अधूरा, 3 साल में बनें सिर्फ 3 लाख मकान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के हर गरीब के पास खुद का मकान होगा, इस सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी और ग्रामीण आवास योजना की शुरुआत की थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का यह सपना पूरा होने की बजाय अधर में ही लटक गया है। देश के सभी गरीब नागरिकों को घर मुहैया कराने की प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत तीन साल में महज 8 प्रतिशत लक्ष्य ही पूरा किया जा सका है। 

40.6 लाख मकानों की जगह बने 3 लाख मकान

शहरी क्षेत्रों में 3 साल में सरकार ने 40.6 लाख मकानों को बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक इनमें से महज 3 लाख यानी 8 फीसदी ही तैयार हो सके हैं। इस तरह यह स्कीम अपने लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। 

ग्रामीण आवास योजना की स्थिति बेहतर

ग्रामीण आवास योजना की स्थिति इससे कहीं बेहतर है और तय किए गए 95.4 लाख मकानों में से 28.8 लाख मकान तैयार कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह लक्ष्य स्कीम लॉन्च होने के 15 महीने के भीतर ही हासिल कर लिया है।

आंकड़ों से हुआ खुलासा

केंद्रीय शहरी विकास और ग्रामीण विकास मंत्रालयों की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, सरकार शहरी क्षेत्रों में 40.6 लाख मकानों के निर्माण के लिए 8,341 परियोजनाओं पर काम कर रही है। फिलहाल 18 लाख मकानों का निर्माण कार्य चल रहा है यानी योजना के तहत 44 फीसदी लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। हालांकि ये बात साफ नहीं है कि इन मकानों का निर्माण कितना हो चुका है। जिन मकानों पर काम पूरा हो चुका है, उनमें से लगभग 3 लाख मकानों में लोग रहने लगे हैं। 

7 साल में हुआ दो फीसदी काम 

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को लॉन्च किया था। इसके योजना के तहत सरकार ने 2022 तक शहरी गरीबों के लिए 2 करोड़ आवास तैयार करने की बात कही थी। 

पीएम का वादा

पीएम मोदी ने कहा था कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश के हर नागरिक के पास अपना आवास होगा। 2022 तक के लक्ष्य की बात की जाए तो इस योजना पर सरकार अब तक 2 प्रतिशत ही काम कर पाई है। इस स्कीम के तहत शहरी निकायों और अन्य एजेंसियों को केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से सहायता देती है। 

अच्छे नतीजे आने में लगेंगे एक साल

शहरी विकास मंत्रालय में योजना के संयुक्त सचिव और निदेशक ने कहा, हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में डेढ़ से दो साल तक का समय लगता है। जब हम 2018-19 वित्तीय वर्ष का आंकलन करेंगे तो शहरी आवास योजना के नतीजे काफी अच्छे होंगे।"

जानिए कौन ले सकता है योजना का लाभ

अगर आप प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाकर खुद का घर लेना चाहते हैं तो आपको ये देखना होगा कि आप किस आयवर्ग में आते हैं। अगर आप 3 से 6 लाख रुपए तक के आयवर्ग में आते हैं तो आपको ब्याज पर ज्यादा सब्सिडी मिलेगी।  वहीं 6 से 12 लाख रुपए और 12 से 18 लाख रुपए सालाना आय वर्ग के लोगों को कम सब्सिडी मिलेगी। 1 जनवरी 2017 से इस योजना के लाभ का दायरा बढ़ा दिया गया है।

सालान इनकम के आधार पर मिलेगा लाभ

पीएम आवास योजना का लाभ उठाने के लिए मिडिल क्लास की दो कटेगरी बनाई गई है। पहली कटेगरी में 6 लाख से 12 लाख रुपए तक के सालान इनकम वाले लोग आएंगे। दूसरी कटेगरी 12 से 18 लाख रुपए तक की है। 

योजना का लाभ उठाने के लिए शर्तें

जिनके पास पहले से पक्का मकान है वो इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता है। 

अगर परिवार के किसी मेंबर को सरकार की किसी योजना के तहत आवास योजना लाभ मिला है तो उस परिवार के दूसरे सदस्य को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।

आवेदन पत्र में परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड का नंबर देना जरूरी है। इसमें पति-पत्नी, और अनमैरिड बेटे - बेटी शामिल हैं। शादी के बाद बेटा या बेटी इस योजना के लिए अलग से आवेदन कर सकते हैं।

आय के हिसाब से मिलेगी सब्सिडी 
 
12 लाख सालान आय वर्ग के लोगों को 9 लाख रुपए तक लोन मिलेगा, जिसमें ब्याज दर पर 4 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी। 

12 से 18 लाख आयवर्ग वालों के लिए 12 लाख रुपए तक के लोन पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। 

सालभर में 6 लाख रुपए कमाने वाले लोगों के लिए 6 लाख रुपए तक का होम लोन मिल सकता है। ब्याज दर पर सरकार 6.5 फीसदी सब्सिडी देती है। 

मकान की मरम्मत के लिए उठाएं योजना का लाभ

घर की मरम्मत कराने के लिए भी आप पीएम आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं। जो लोग घर खरीदने की बजाय इसे खुद बनवा रहे हैं, उन्हें भी इस इसका लाभ मिलेगा। जिनके पास पक्का मकान है लेकिन वो अपने मकान की मरम्मत कराना चाहते हैं तो इसके लिए भी लोन ले सकते हैं। 

इन बैंकों और कंपिनयों से ले सकते हैं लोन
 
योजना के तहत आप कमर्शियल बैंक, हाउजिंग फाइनेंस कंपनी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक,  राज्य सहकारी बैंक, शहरी सहकारी बैंक, छोटे वित्तीय बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से लोन लेकर ब्याज पर उचित सब्सिडी पा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी तरह की फीस या प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं देना होगा। 

Created On :   22 March 2018 10:42 AM IST

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