शहरों के नाम बदलने से पहले अपना फारसी नाम बदलें शाह : इरफान हबीब
- इरफान हबीब ने कहा- शाह एक फारसी मूल का शब्द है
- यह संस्कृत शब्द नहीं है
- इरफान हबीब बोले- बीजेपी अध्यक्ष को सबसे पहले अपना नाम बदलना चाहिए
- शहरों के नाम बदलने पर इतिहासकार इरफान हबीब ने ली बीजेपी अध्यक्ष पर चुटकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी शासित राज्यों में मुस्लिम मूल से जुड़े शहरों, गांवों और स्टेशनों के नाम लगातार बदले जा रहे हैं। केन्द्र और विभिन्न राज्यों की बीजेपी सरकारों द्वारा शहरों के नाम बदलने की इस नीति पर मशहूर इतिहासकार इरफान हबीब ने चुटकी ली है। हबीब ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को ही अपना नाम बदलने की सलाह दे डाली है।
हबीब ने कहा है कि अमित शाह एक फारसी मूल का शब्द है, सबसे पहले बीजेपी को अपने अध्यक्ष का ही नाम बदलना चाहिए। हबीब ने कहा, "शाह एक फारसी मूल का शब्द है। यह संस्कृत से नहीं आया है। वे (बीजेपी) शहरों के नाम लगातार बदल रहे हैं, तो उन्हें सबसे पहले खुद का नाम बदलने से इसकी शुरुआत करनी चाहिए थी।"
Shah is a Persian word, it is not from Sanskrit. If they (BJP) are changing the names of cities, they should first start with their own names: Professor Irfan Habib, Historian pic.twitter.com/AVUc0Q5Wja
— ANI (@ANI) November 11, 2018
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर 87 वर्षीय इरफान हबीब ने बताया कि गुजरात शब्द भी फारसी भाषा से आया है। पहले इसे ‘गुर्जरात्र’ कहा जाता था। केन्द्र सरकार को इस राज्य का नाम भी बदलने की जरूरत है। हबीब ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा शहरों के नाम बदले जाने के पीछे हिंदुत्व एजेंडा है। आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडे के मुताबिक ही केन्द्र सरकार इस तरह के फैसले ले रही है। उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा शहरों के नाम बदलने की नीति पाकिस्तान की तरह है। जहां गैर इस्लामिक चीजों को हटा दिया जाता है। आज हमारे देश में भी गैर हिंदू चीजों के साथ ऐसा ही किया जा रहा है।"
गौरतलब है कि बीजेपी शासित राज्यों की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने पिछले एक साल में 25 से ज्यादा शहरों और गांवों के नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। इनमें देश के कई मशहूर शहरों के नाम शामिल रहे हैं। वहीं सरकार आने वाले दिनों में कई और शहरों के नाम बदल सकती है।
Created On :   11 Nov 2018 5:48 PM IST