ऋणों के पुनर्भुगतान पर रोक 2 साल तक बढ़ सकती है: केंद्र
- ऋणों के पुनर्भुगतान पर रोक 2 साल तक बढ़ सकती है: केंद्र
नई दिल्ली, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्र और रिजर्व बैक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि ऋणों के पुनर्भुतान पर रोक (मोरैटोरियम) 2 साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ के सामने दलील दी कि केंद्र संकटग्रस्त क्षेत्रों पर पड़े प्रभाव के अनुसार यह तय करने के लिए इन क्षेत्रों की पहचान करने की प्रक्रिया में है कि किस तरह की राहत प्रदान की जा सकती है।
मेहता ने स्पष्ट किया कि परिपत्र के अनुसार रोक बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत शक्तियों पर अपना जवाब दायर किया है, और अदालत से केंद्र, आरबीआई, बैंकर संघों को एक साथ बैठक करने की अनुमति देने का आग्रह किया है।
पीठ ने जवाब दिया कि वह पिछले तीन सुनवाई के दौरान इस बैठक के बारे में सुनती आ रही है। मेहता ने कहा कि वे उधारकर्ताओं के वर्ग की पहचान करेंगे।
पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कुछ ठोस चाहती है।
मेहता ने दोहराया कि स्थगन की अवधि वैसे भी दो साल तक बढ़ाई जा सकती है।
पीठ ने जोर देकर कहा कि उसे योग्यता के आधार पर कई अन्य मुद्दों पर भी निर्णय लेना है, और जानना चाहा कि क्या अगले दो दिनों में इस पर कोई फै सला हो जाएगा?
मेहता ने कहा कि अदालत हलफनामे को देख सकती है और इसके आधार पर दो दिनों में मामले को उठा सकती है। पीठ ने फिर जानना चाहा कि क्या दो दिन में फैसला लिया जा सकता है? मेहता ने कहा कि संभव नहीं है।
जिस पर, पीठ ने कहा कि वह बुधवार को मौरैटोरियम अवधि के दौरान ईएमआई पर ब्याज की माफी, या ब्याज पर छूट की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
वीएवी-एसकेपी
Created On :   1 Sept 2020 1:30 PM IST