डोप टेस्ट में फेल होने वाले कर्मचारियों को सजा नहीं ट्रीटमेंट दिया जाएगा : पंजाब सीएम

Punjab CM says employees found positive in dope tests not to be punished
डोप टेस्ट में फेल होने वाले कर्मचारियों को सजा नहीं ट्रीटमेंट दिया जाएगा : पंजाब सीएम
डोप टेस्ट में फेल होने वाले कर्मचारियों को सजा नहीं ट्रीटमेंट दिया जाएगा : पंजाब सीएम

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले हफ्ते राज्य में पुलिसकर्मियों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों का उनकी भर्ती के समय से उनकी सेवा के हर स्तर पर अनिवार्य रूप से डोप टेस्ट कराने का आदेश दिया था। सोमवार को अमरिंदर सिंह ने अपने इस आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा कि जो भी सरकारी कर्मचारी डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाएगा उसे दंडित या बर्खास्त नहीं किया जाएगा। बल्कि उस कर्मचारी की पहचान को छिपाते हुए उसका इलाज कराया जाएगा।

 

 


सेना में भी होता है डोप टेस्ट
इससे पहले होशियारपुर के जहान खेलां गांव में पुलिस भर्ती प्रशिक्षण केंद्र के पासिंग आउट परेड के बाद मीडिया से बात करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा था कि एहतियात के तौर पर सेना में भी ऐसे टेस्ट होते हैं। राज्य की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर ही ऐसे सख्त कदम उठाए गए हैं, क्योंकि नशीले पदार्थों की कमी और कीमतें ज्यादा होने के कारण नशे के आदी बनावटी नशे का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार की सख्ती के बाद नशा तस्करों की सप्लाई चेन को तोड़ा गया है। यहीं वजह है कि नशे के आदी मजबूरन बनावटी नशे का सहारा ले रहे है। जिस कारण कई मौतें हुई है।

कैबिनेट ने पास किया था प्रस्ताव
ड्रग स्मगलर्स पर लगाम लगाने के लिए पंजाब की अमरिंदर सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि ड्रग स्मगलिंग करने वालों को फांसी की सजा दी जाए। सोमवार को पंजाब कैबिनेट की तरफ से पास किए गए इस प्रस्ताव के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था, ड्रग तस्करों ने पंजाब में युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। ये पूरी पीड़ियों को तबाह कर रहे हैं। इसीलिए हमने तय किया है कि ड्रग तस्करों को फांसी की सजा दी जाए। ये प्रस्ताव केंद्र के पास भेज दिया गया है। वहीं उन्होंने कहा था कि मैं अपने नशामुक्त पंजाब के संकल्प पर कायम हूं।

हथियार लाइसेंस के लिए भी डोप टेस्ट जरूरी
इससे पहले पंजाब सरकार ने एक फैसले में हथियार का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को डोप टेस्ट करवाना जरूरी कर दिया था। सरकार का इसके पीछे मकसद यह पता लगाना था कि हथियार का लाइसेंस लेने वाले कहीं कोई नशा तो नहीं करते। पंजाब सरकार की तरफ से ये भी कहा गया था कि अगर डोप टेस्ट में नशे की मात्रा पाई गई तो पंजाब में जीवन भर हथियार के लाइसेंस से वंचित रहना पड़ेगा।

इसी मुद्दे को उठाकर कांग्रेस ने जीता था चुनाव
बता दें कि पंजाब में ड्रग्स बेहद गंभीर समस्या है। यह समस्या कितनी गहरी है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड में इस विषय पर एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म का नाम उड़ता पंजाब था। वहीं नशे के मुद्दे को लेकर पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिरोमणि अकाली दल को हराकार कांग्रेस पार्टी ने सत्ता हासिल की थी। कांग्रेस ने वादा किया था कि वह राज्य को नशामुक्त करेगी।    

 

Created On :   9 July 2018 10:28 PM IST

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