पंजाब पुलिस ने 29 साल पुराने अपहरण मामले में पूर्व डीजीपी के घर मारा छापा

Punjab Police raids former DGPs house in 29-year-old kidnapping case
पंजाब पुलिस ने 29 साल पुराने अपहरण मामले में पूर्व डीजीपी के घर मारा छापा
पंजाब पुलिस ने 29 साल पुराने अपहरण मामले में पूर्व डीजीपी के घर मारा छापा

चंडीगढ़, 28 अगस्त (आईएएनएस) पंजाब पुलिस ने शुक्रवार की सुबह राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के घर पर छापा मारा। हालांकि वे वहां नहीं मिले।

सुमेध सिंह सैनी की उम्र अब 60 साल से अधिक है। उन्हें पुलिस प्रमुख के.पी.एस गिल के उग्रवाद-युग का सबसे सराहनीय व्यक्ति माना जाता था। गिल को राज्य में उग्रवाद को खत्म करने का बड़ा श्रेय दिया जाता है।

सैनी पर इस साल मई में 29 साल पुराने बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण के मामले में केस दर्ज किया गया।

पिछले सप्ताह यहां मोहाली के एक ट्रायल कोर्ट के निर्देश पर सैनी के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 को जोड़ा गया है।

वहीं एक दिन पहले ही मोहाली कोर्ट ने सैनी की जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित रखा था।

शिकायत के आधार पर उन पर धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने), 344, 330 और 120 -बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत 7 मई को मोहाली में मामला दर्ज किया गया है।

अपहरण का मामला साल 1991 में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकवादियों द्वारा सैनी पर एक बम हमले से संबंधित था। उस समय वह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे और चंडीगढ़ में तैनात थे। घटना के बाद वह बच गए, लेकिन उनके तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए।

साल 2007 में मुल्तानी के लापता होने पर सैनी के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई और जांच रुक गई।

सैनी को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब से जुड़े एक विवाद और उसके बाद राज्य में हिंसा फैलने के पश्चात शीर्ष पद से हटा दिया था। इस हिंसा में पुलिस बल पर क्रूरता का आरोप लगाया गया था, वहीं दो लोगों की मौत हो गई थी। उनका संबंध राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ सौहार्दपूर्ण नहीं हैं।

दरअसल, सैनी ने अमरिंदर सिंह से जुड़े करोड़ों रुपये के लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले में विजिलेंस ब्यूरो की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी।

वहीं पिछले काफी समय से अमरिंदर सिंह नकली मुठभेड़ और पंजाब में उग्रवाद के दौरान हुई हत्याओं की जांच की मांग कर रहे थे।

पंजाब की एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल गुरमीत सिंह, उर्फ पिंकी द्वारा किए गए खुलासे का संज्ञान लेते हुए अमरिंदर सिंह ने डीजीपी सैनी की बर्खास्तगी और मामला रजिस्टर करने की मांग की थी। खुलासे में उन पर कथित तौर पर साल 2015 में पंजाब में उग्रवाद के दौरान कई लोगों को बिना ट्रायल के मारने के आरोप लगे हैं।

वहीं मुख्यमंत्री पहले ही सैनी को उनके खिलाफ एफआईआर को राजनीति से प्रेरित होने के दावे को खारिज कर चुके हैं।

एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि सैनी के खिलाफ मामला जालंधर निवासी पीड़ित के भाई पलविंदर सिंह मुल्तानी द्वारा एक ताजा आवेदन के आधार पर दर्ज किया गया था।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   28 Aug 2020 3:00 PM IST

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