डिफेंस मिनिस्टर को राहुल का चैलेंज, HAL के ऑर्डर का प्रमाण दें या फिर इस्तीफा

डिफेंस मिनिस्टर को राहुल का चैलेंज, HAL के ऑर्डर का प्रमाण दें या फिर इस्तीफा
हाईलाइट
  • कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
  • रक्षा मंत्री को कल संसद के सामने HAL को दिए सरकारी ऑर्डर के दस्तावेज करना चाहिए।
  • राफेल जेट सौदे को लेकर मोदी सरकार घिरती हुई दिखाई दे रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल जेट सौदे को लेकर मोदी सरकार घिरती हुई दिखाई दे रही है। कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। दरअसल रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में करीब 2 घंटों तक राफेल जेट सौदे से जुड़े सवालों के जवाब दिए। सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि HAL के पास पाइपलाइन में करीब एक लाख करोड़ के ऑर्डर है। हालांकि HAL का कहना है कि उसे एक रुपए का भी ऑर्डर अब तक नहीं मिला है।

राहुल गांधी ने कहा, "जब आप झूठ बोलते हैं तो पहले झूठ को छिपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बचाव करने की उत्सुकता में रक्षामंत्री ने संसद में झूठ बोला। रक्षा मंत्री को कल संसद के सामने HAL को दिए सरकारी ऑर्डर के दस्तावेज करना चाहिए, या फिर रक्षा मंत्री इस्तीफा दें।"

 

 

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "झूठ बोलने वाली रक्षा मंत्री का पर्दाफाश हो गया। रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि HAL को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद के ऑर्डर दिए गए हैं। HAL का कहना है कि उसे एक पैसा तक नहीं मिला क्योंकि एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।"

HAL के वरिष्ठ प्रबंधक के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसा कि दावा किया जा रहा है कंपनी को 1 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं, लेकिन सच्चाई ये हैं कि इसमें से एक भी रुपया अब तक HAL के पास नहीं आया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक किसी भी ऑर्डर पर साइन नहीं हुए हैं। शेयरधारकों को ये बताना हमारी जिम्मेदारी है कि वह इस बात पर विश्वास न करें की कंपनी को एक लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं जो की सही नहीं है।

इससे पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा था कि, "संसद में राफेल को लेकर कई सारे सवाल उठाए गए, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया। रक्षा मंत्री ने 2 घंटे में एक बार भी अनिल अंबानी का नाम नहीं लिया। मैनें उनसे पूछा कि क्या जब पीएम ने इस डील की बाइपास सर्जरी की तो एयर फोर्स ने कोई आपत्ति जताई, इस सवाल का जवाब देने के बजाय रक्षा मंत्री ड्रामा करने लगीं।" राहुल गांधी ने कहा कि "रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में खुद स्वीकार किया कि 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए एक नया कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया, जब मैंने पूछा कि रक्षा मंत्रालय से जुड़े लोगों ने क्या इस पर आपत्ति जताई तो वह हां या न में इस सवाल का जवाब देने के बजाय पीछे हट गईं।"

राहुल गांधी ने पूछे थे ये सवाल?
1. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या कारण है कि अनिल अंबानी को ही कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। जबकि आपके पास हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल जैसे विकल्प थे? 

2. राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी बात सामने आ रही है कि रक्षा मंत्रालय को इस डील पर आपत्ति थी। बावजूद इसके यह डील की गई। उन्होंने पूछा ऐसा क्या कारण था कि उनकी आपत्तियों को अनदेखा किया गया और 36 राफेल विमानों को खरीद किया गया? अगर आपत्ति थी तो किस तरह की आपत्ति थी और उन आपत्तियों के निस्तारण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए? 

3. राहुल गांधी ने सवाल किया कि किन हालातों में 526 करोड़ रुपये की कीमत के विमान 1600 करोड़ रुपये में खरीदे गए?  

4. वो कौन सी जानकारी है जिसके बारे में मनोहर परिर्कर को पता है और जिसे जनता के सामने आने से रोका जा रहा है?   

5. क्या इस डील में सरकार ने एयरफोर्स की सलाह ली थी?

क्या कहा था सीतारमण ने?
इन सवालों का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि कांग्रेस हमारे ऊपर एचएएल को दरकिनार करने का आरोप लगाती है, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्होंने दस साल के समय में एचएएल के लिए कुछ क्यों नहीं किया। कांग्रेस पार्टी एचएएल के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। वहीं उन्होंने कहा कि आप ये कहकर देश को भ्रमित कर रहे हैं कि एनडीए सरकार ने राफेल विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 कर दी। कांग्रेस सरकार सिर्फ़ 18 तैयार विमान खरीदने वाली थी जबकि एनडीए ने ये संख्या बढ़ाकर 36 की। देश को पहला राफेल विमान 2019 के सितंबर महीने में और सभी विमान 2022 तक मिल जाएंगे।

 

Created On :   6 Jan 2019 5:05 PM IST

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