राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई वाली सिफारिश नहीं भेजी गई गृह मंत्रालय को - तमिलनाडु गवर्नर

Raj Bhavan denies seeking Centres reference in release of Rajiv convicts
राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई वाली सिफारिश नहीं भेजी गई गृह मंत्रालय को - तमिलनाडु गवर्नर
राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई वाली सिफारिश नहीं भेजी गई गृह मंत्रालय को - तमिलनाडु गवर्नर
हाईलाइट
  • तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने मीडिया में आई खबरों को किया खारिज।
  • राजीव गांधी के हत्यारों को रिहाई वाली सिफारिश को केंद्र को सौंपे जाने की आई थी खबरें।
  • राज्यपाल ने कहा
  • जरुरत पड़ने पर केंद्र से परामर्श लिया जा सकता है।

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई वाली राज्य सरकार की सिफारिश उन्होंने गृह मंत्रालय को सौंपी है। हालांकि उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर और उचित समय पर इस मामले को लेकर केंद्र से परामर्श किया जा सकता है।

राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीडिया का एक वर्ग रिपोर्ट कर रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने वाले दोषियों को रिहा करने के लिए गृह मंत्रालय को संदर्भित किया गया है। कुछ टीवी चैनेल्स इस पर डिबेट भी कर रहे हैं। बयान में कहा "यह स्पष्ट किया है कि इस मामले को गृह मंत्रालय को संदर्भित नहीं किया गया। मामला जटिल है और इसमें कानूनी, प्रशासनिक और संवैधानिक मुद्दों के अवलोकन शामिल हैं।" इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड और जजमेंट 14 सितंबर (शुक्रवार) को राजभवन को सौंपे गए है।

राजभवन ने कहा, दस्तावेजों का ठीक से अध्ययन किया जाएगा और सभी कदम सतर्कता से उठाए जाएंगे। आवश्यकतानुसार, उचित समय पर आवश्यक परामर्श किया जा सकता है। मामले पर निर्णय न्याय संगत और निष्पक्ष तरीके से संविधान के अनुरूप किया जाएगा।

उधर, तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार ने कहा, "राजीव गांधी हत्याकांड के 7 दोषियों की रिहाई को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल को कैबिनेट द्वारा बनाई गई सिफारिशों को मानना होगा। हम उम्मीद करते हैं कि राज्यपाल इस बारे में उचित फैसला लेंगे जैसा तमिल की जनता भी चाहती है।

बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले के सात दोषियों की रिहाई की सिफारिश का प्रस्ताव पारित किया था। जिसके बाद शुक्रवार को इस प्रस्ताव को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास भेजा गया। मुख्यमंत्री ईके पलानिसामी की अध्यक्षता में रविवार (9 सितंबर) को हुई कैबिनेट मीटिंग में ये फैसला लिया गया था।ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सरकार के मंत्री डी जयकुमार ने इसकी जानकारी दी थी।

गौरतलब है कि राजीव गांधी की हत्‍या की प्‍लानिंग लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के लीडर प्रभाकरण ने की थी। इसके बाद 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इस साजिश में सात दोषी वी श्रीराम उर्फ मुरूगन, एजी पेरारिवलन, टी सुथेन्द्रराजा उर्फ संथम, जयकुमार, राबर्ट पायस, पी रविचंद्रन और नलिनी श्रीहरिहरण पिछले 25 साल से अधिक समय से जेल में कैद हैं। इस मामले में सीबीआई की स्पेशल टीम ने 24 मई 1991 को केस दर्ज किया था।

Created On :   15 Sept 2018 5:39 PM IST

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