उपसभापति चुनाव: हरिवंश की उम्मीदवारी पर अकाली देगा समर्थन, शिवसेना अभी भी नाराज

Rajya Sabha Deputy Chairman will be elected on August 9
उपसभापति चुनाव: हरिवंश की उम्मीदवारी पर अकाली देगा समर्थन, शिवसेना अभी भी नाराज
उपसभापति चुनाव: हरिवंश की उम्मीदवारी पर अकाली देगा समर्थन, शिवसेना अभी भी नाराज
हाईलाइट
  • 9 अगस्त को होगा राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव।
  • एनडीए की ओर से हरिवंश नारायण सिंह के नाम का ऐलान।
  • विपक्ष ने नहीं किया नाम का ऐलान।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा उपसभापति पद के लिए NDA ने हरिवंश नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। सोमवार तक जदयू राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण की उम्मीदवारी से एनडीए में फूट देखने को मिल रही थी। हरिवंश के नाम पर अकाली दल विरोध में आ गया है। जबकि शिवसेना सलाह नहीं लिए जाने से नाराज चल रही है। अकाली दल को उम्मीद थी कि राज्यसभा में एनडीए का उपसभापति का उम्मीदवार उनकी ही पार्टी का होगा। अकाली दल की ओर से नरेश गुजराल का चल रहा था, लेकिन ऐसा ना होकर अंतिम समय पर बीजेपी ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया जिससे अकाली दल में नाराजगी फैल गई थी। हालांकि मंगलबार सुबह अकाली दल ने बैठक के बाद एनडीए को समर्थन देने के लिए अपनी सहमति दे दी है। लेकिन शिवसेना इस बात से नाराज है कि उम्मीदवार की घोषणा किए जाने से पहले उससे किसी भी प्रकार की कोई सलाह नहीं ली गई। इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव के समय भी शिवसेना ने सरकार से दूरियां बना ली थी।

गौरतलब है कि राज्यसभा उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को होगा। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में इस बात का ऐलान सोमवार को किया था। सभापति ने बताया था कि मानसून सत्र समाप्त होने के दिन पहले 9 अगस्त को सुबह 11 बजे उपसभापति का चुनाव किया जाएगा। चुनाव के लिए उम्मीदवार आठ अगस्त को दोपहर 12 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। एनडीए की ओर से उपसभापति के लिए जेडीयू के हरिवंश नारायण उम्मीदवार होंगे। हरिवंश सिंह नारायण झारखंड के अखबार प्रभात खबर के संपादक भी रहे हैं। चुनाव को लेकर अभी विपक्ष की ओर से किसी का भी नाम आगे नहीं किया गया है। सभी सहमति बनने के बाद विपक्ष अपने उम्मीदवार को नाम का ऐलान करेगा। उपसभापति पीजे कुरियन का कार्यकाल इस साल के जून के महीने में पूरा हो गया है।

लोकसभा चुनाव से पहले उप सभापति के चुनाव में एक बार फिर विपक्षी एकता का परीक्षण होगा। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। पहले कहा जा रहा था कि टीएमसी से कोई एक उम्मीदवार हो सकता है, जिस पर पूरा विपक्ष राजी होगा, लेकिन टीएमसी ने खुद को इस रेस से बाहर कर लिया है। कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास राज्यसभा में 105 सांसद हैं और छह निर्दलीय हैं जबकि कई और सांसदों से उम्मीद की जा रही है कि वह गठबंधन की मदद करेंगे। कांग्रेस को दक्षिण भारत की दोनों पार्टियों से उम्मीद है। बीजेडी कांग्रेस के साथ आती है तो 122 के बहुमत के आंकड़े तक विपक्ष आसानी से पहुंच जाएगा। चर्चा है कि टीएमसी की ओर मना करने के बाद उम्मीदवारी शरद पवार की पार्टी एनसीपी को मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक टीएमसी सांसद सुखेन्दु शेखर रॉय के नाम पर मुहर लग सकती है। अध्यक्ष के पैनल के सदस्य के रूप में उनके पास अनुभव भी है। टीएमसी उम्मीदवार विपक्ष की ओर से आता है, तो बीजेडी उसका समर्थन कर सकती है। बीजेडी कांग्रेस के उम्मीदवार को साथ देने को नहीं सोच रही, लेकिन वह गैर कांग्रेसी उम्मीदवार को समर्थन देने के बारे में विचार कर रही है। ऐसे में टीएमसी की दावेदारी विपक्ष की ओर से और मजबूत हो सकती है।

ऐसा है सीटों का गणित
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, एनडीए के पास 115 सीटें हैं जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के पास 73 सीटें हैं. वहीं यूपीए की बात करें तो कुल सीटें मिलाकर 113 होती हैं, सहां सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है जिसके पास 30 राज्यसभा में 30 सांसद हैं. वहीं अन्य दलों के पास राज्यसभा में 16 सीटें हासिल हैं. राज्यसभा की एक सीट अभी खाली है.उपसभापति के इस बेहद महत्वपूर्ण चुनाव में दक्षिण भारत की पार्टी बीजेडी की भूमिका अहम रहेगी। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास राज्यसभा में 105 सांसद हैं और छह निर्दलीय हैं जबकि कई और सांसदों से उम्मीद की जा रही है कि वह गठबंधन की मदद करेंगे।कांग्रेस को दक्षिण भारत की दोनों पार्टियों से उम्मीद है। बीजेडी कांग्रेस के साथ आती है तो 122 के बहुमत के आंकड़े तक विपक्ष आसानी से पहुंच जाएगा।

Created On :   6 Aug 2018 2:30 PM IST

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