रमजान : जामा मस्जिद पर पहले जुमे की नमाज अदा करने बड़ी संख्या में पहुंचे अकीदतमंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रमजान का पवित्र महीना 17 मई से शुरू हो चुका हैं। इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने को रमदान-अल-मुबारक कहा जाता है। इस दौरान पूरे महीने दुनिया भर के मुसलमान रोजे रखते हैं। जामा मस्जिद, जो दुनिया के सबसे बड़े मस्जिदों में से एक माना जाता है, इस साल देश के सभी हिस्सों से विभिन्न लोगों यहां पहुंचते हैं। शनिवार को जामा मस्जिद पर विशेष नमाज के साथ बड़ी संख्या में पहुंचे अकीदतमंदो ने अपने दिन शुरुआत जौहर की नमाज के साथ की। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग हर दिन पांच (जौहर, अस्र, मगरिब, ईशा , फर्ज) बार पढ़ते नमाज पढ़ते हैं। इस बार पाक माह रमजान 27 जून को खत्म होगा, जिसके अगले दिन ईद-उल-फितर मनाई जाएगी।
जामा मस्जिद में पहले दिन की नमाज
रमजान के पाक महीने के पहले जुमे की नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में नमाजी जामा मस्जिद पहुंचे। देश की खुशहाली, सुख और समृद्धि की उन्होंने दुआ मांगी। इनमें कुछ नमाजी ऐसे भी थे, जो पहली बार यहां पर नमाज के लिए आए थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गो में पहले जुमे की नमाज को लेकर उत्साह देखने को मिला। गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए जामा मस्जिद परिसर में नमाज के लिए खास व्यवस्था की गई थी।
इफ्तार के लिए जुटे लोग
जामा मस्जिद परिसर में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने इफ्तार किया। पहले जुमे का इफ्तार होने की वजह से परिसर पूरा गुलजार नजर आ रहा था। पहली बार रोजा रखने वालों की खुशी इफ्तार को लेकर दोगुनी थी। इफ्तर रमजान के धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है और अक्सर एक समुदाय के रूप में किया जाता है, जिसमें लोग अपने उपवास को तोड़ने के लिए इकट्ठे होते हैं। मगरिब समय के ठीक बाद इफ्तर लिया जाता है, जो सूर्यास्त के आसपास है।
आई.सी.आई. रमजान हेल्प लाइन
इस मौके पर रोजेदारों को सहरी, इफ्तार और तरावीह का सही वक्त बताने के लिए एक ऐप शुरू किया गया है। यह मोबाइल ऐप इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने तैयार किया है जिसका नाम ‘आई.सी.आई. रमजान हेल्प लाइन ऐप’ है। इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन और फरंग महल के नाजिम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि इस ऐप में रमजान की अहमियत के साथ-साथ इफ्तार और सहरी का समय, शहर की विशेष मस्जिदों में तरावीह की नमाज का वक्त, इफ्तार, सहरी, तरावीह और शबे कद्र से जुड़ी दुआएं शामिल हैं। इसके अलावा रोज़ा, जकात, तरावीह, इफ्तार, सहरी, नमाज और अन्य मामलों से सबंधित सवालों के जवाब के लिए ऐप में अलग सेक्शन बनाया गया है। उन्हें उम्मीद है कि इससे बड़े पैमाने पर लोगों को फायदा पहुंचेगा।
पवित्र महीना रमजान
इस्लाम धर्म को मनाने वालों के लिए उनका पवित्र महीना रमजान इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने को आता है। इसे रमदान-अल-मुबारक भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस पूरे महीने में कुरान पढ़ने से ज्यादा सबाब मिलता है। इस दौरान पूरे महीने दुनिया भर के मुसलमान रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान रोजेदार दिन भर कुछ भी नहीं खाते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है। इस महीने में उपवास रखते हैं।
Created On :   19 May 2018 12:41 PM IST