बेंगलुरु में फेसबुक पर पोस्ट के 3 घंटे में तेजी से दंगे भड़के : पुलिस
बेंगलुरु, 15 अगस्त (आईएएनएस)। बेंगलुरु में हाल ही में हुए दंगे सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट डालने के बाद 3 घंटे से भी कम समय में तेजी से भड़क गए थे। शुक्रवार को एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कुलदीप जैन ने आईएएनएस को बताया, नवीन ने अपमानजनक संदेश शाम 6 बजे के आसपास पोस्ट किया था और रात 9 बजे तक दंगे भड़क उठे।
सरकारी तंत्र पहले से ही कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा था और अचानक भड़के दंगे और ज्यादा परेशानी का सबब बन गए।
मंगलवार रात पुलिकेशीनगर के कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पी. नवीन के सोशल मीडिया पर अपमानजनक संदेश पोस्ट करने के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर पड़े और दंगे भड़क उठे।
भीड़ ने पथराव किया, 60 पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया और डीजे हल्ली केजी हल्ली, पुलिकेहसीनगर और कवल ब्यारसांद्र इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की वारदातों को अंजाम दिया।
जैन ने कहा, जैसे ही यह खबर पुलिस तक पहुंची, आसपास के पुलिस थानों के पुलिसकर्मी घटनास्थल की ओर फौरन रवाना हो गए।
पुलिस कमिश्नर कमल पंत खुद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों को भी सूचित किया।
पुलिस को शुरू में दंगाई भीड़ को काबू करने में मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार पुलिस ने हवा में और फिर दंगाइयों पर फायरिंग की। 3 की मौत के बाद स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। जैन ने कहा कि भीड़ को शांत करने में लाठीचार्ज और घोषणाएं नाकाम साबित हुईं।
इसके अलावा, पुलिस आशंकित थी कि अगर स्थिति को नियंत्रण में नहीं लाया गया तो दंगे शहर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं।
उन्होंने कहा, अगर कोई गोलीबारी नहीं होती, तो यह ज्यादा समय तक जारी रहती और नुकसान अधिक हो सकता था। और हमें डर था कि वे पूरे बेंगलुरु में फैल जाएंगे।
वहीं, विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने कहा कि 4,000 तक लोगों ने हमला किया और उनके 50 साल पुराने पुश्तैनी घर को लाठी, डंडे, पेट्रोल बम का इस्तेमाल कर आग लगा दिया।
जैसा कि दंगाई पुलिस बस सहित 300 वाहनों को आग के हवाले करने में कामयाब रहे, पुलिस जांच कर रही है कि दंगाइयों ने आग लगाने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया। भीड़ ने डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन के सामने खड़ी डीसीपी की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
दंगों के अगले दिन बुधवार को पुलिस ने गोलीबारी में मारे गए तीनों को शांतिपूर्ण तरीके से दफनाना सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल की अगुवाई में सात पुलिस टीमें दंगे की जांच कर रही हैं। 206 संदिग्ध पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हंगामा करने वालों में ज्यादातर युवा थे, जिनमें कुछ अधेड़ उम्र के लोग भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपमानजनक पोस्ट से निपटने का मौका नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, हमें यही बात हैरान कर रही है कि बड़ी साजिश क्या है? थोड़ा धैर्यरखा जा सकता था। पुलिस को अपना काम करने का मौका दिया जाना चाहिए था।
हालांकि, नवीन ने शुरू में दावा किया था कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था, लेकिन बाद में उसने स्वीकारकर लिया कि उसी ने अपमानजनक संदेश पोस्ट किया था। संदेश पोस्ट करने के 40 मिनट के भीतर उसने अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया था।
वीएवी/एसजीके
Created On :   15 Aug 2020 2:00 AM IST