Rotomac कंपनी के मालिक बोले-लोन लिया लेकिन देश छोड़कर नहीं भाग रहा

Rotomac Pens owner Vikram Kothari is missing after defrauding the state-run banks of  ₹800 crore
Rotomac कंपनी के मालिक बोले-लोन लिया लेकिन देश छोड़कर नहीं भाग रहा
Rotomac कंपनी के मालिक बोले-लोन लिया लेकिन देश छोड़कर नहीं भाग रहा

डिजिटल डेस्क, कानपुर। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11 हजार करोड़ रुपए का स्कैम सामने आने के बाद एक और स्कैम का खुलासा हुआ है। रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी पर अलग-अलग सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेकर भागने का आरोप है। हालांकि मीडिया में इस खबर के आने के बाद विक्रम कोठारी ने कहा कि उन्होंने बैंक से लोन जरूर लिया है, लेकिन देश छोड़कर नहीं भाग रहे। कोठारी ने ये भी कहा कि उनके लोन चुकता नहीं करने की बात गलत है उनका बैंक का एनसीएलटी के अंदर केस चल रहा है। उन्होंने कहा, "मैं कानपुर का रहने वाला हूं और कानपुर में ही रहूंगा भारत से बेहतर देश कोई नहीं है।"


रिपोर्ट्स के मुताबिक इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियम-कानून को ताक पर रखकर विक्रम कोठारी को इतना बड़ा लोन दिया। बता दें कि विक्रम कोठारी ने सबसे ज्यादा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ का लोन लिया है। इलाहाबाद बैंक से भी कोठारी ने 352 करोड़ की रकम का कर्ज लिया था, लेकिन एक साल हो जाने के बावजद उसने बैंकों को न तो लिए गए लोन पर ब्याज चुकाया है और न लोन वापस लौटाया है। कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर पिछले कई दिनों ने ताला बंद है। इलाहाबाद बैंक के मैनेजर राजेश गुप्ता ने फरार विक्रम कोठारी की संपत्तियों को बेचकर पैसे वापस रिकवर होने की उम्मीद जताई है

लोन देने वाले बैंकों में हड़कंप
नियमों को ताक पर रखकर कोठारी की कम्पनियों को लोन देने वाली राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़कंप मच गया है। बता दें कि पान पराग समूह में पारिवारिक बंटवारे के बाद विक्रम कोठारी के हिस्से में रोटोमैक कम्पनी आई थी और इसके विस्तार के लिए उसने सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों से 5 हजार करोड़ से अधिक के ऋण लिए। विक्रम के रसूख के चलते बैंकों ने उसे खैरात की तरह लोन बांटे। कागजों में विक्रम की सम्पत्तियों का अधिमूल्यन किया गया। सर्वे में दिवगंत पिता मनसुख भाई कोठारी की साख को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।

देश के बड़े राजनेताओं के साथ रिश्तों और बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों के ब्राण्ड एम्बेसडर होने से बैंक प्रबन्धन ने भी आंखें मूंद ली और कम्पनी के घाटे को नजरअन्दाज करके ऋण की रकम को हजारों करोड़ में पहुंचने दिया। अब विक्रम की कम्पनी में ताला लग चुका है। 


इन बैंकों से किया करोड़ों का घोटाला


इंडियन ओवरसीज बैंक 1400 करोड़
बैंक ऑफ इंडिया 1395 करोड़
बैंक ऑफ बड़ौदा 600 करोड़
यूनियन बैंक 485 करोड़
इलाहाबाद बैंक 352 करोड़

Created On :   18 Feb 2018 6:52 PM IST

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