आज से शुरू हुआ RSS का तीन दिवसीय कार्यक्रम, भविष्य के भारत पर होगी चर्चा

RSS Three day lecture series Future of Bharat An RSS perspective at Vigyan Bhavan in Delhi
आज से शुरू हुआ RSS का तीन दिवसीय कार्यक्रम, भविष्य के भारत पर होगी चर्चा
आज से शुरू हुआ RSS का तीन दिवसीय कार्यक्रम, भविष्य के भारत पर होगी चर्चा
हाईलाइट
  • कार्यक्रम का शीर्षक 'भविष्य का भारत : आरएसएस का दृष्टिकोण' है।
  • दिल्ली में आज से शुरू हो रही RSS की तीन दिवसीय व्याख्यानमाला।
  • राजनेता
  • धार्मिक नेता से लेकर देश की दिग्गज हस्तियां होंगी शामिल।
  • राहुल गांधी
  • सीताराम येचुरी और अखिलेश यादव समारोह में शामिल नहीं होंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आरएसएस का तीन दिवसीय व्याख्यानमाला कार्यक्रम आज से दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू हो गया, जिसके केंद्र में हिंदुत्व होगा। इस कार्यक्रम के तीनों दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रीय महत्व के कई समसामयिक विषयों पर संघ का विचार प्रस्तुत करेंगे। वहीं इस कार्यक्रम के लिए विपक्षी दलों के कई नेताओं को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन विपक्ष के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना कम है। 


भविष्य के भारत पर चर्चा

कार्यक्रम का शीर्षक " भविष्य का भारत: आरएसएस का दृष्टिकोण" रखा गया है। आरएसएस ने अपने तीन दिन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करीब तीन हजार लोगों को आमंत्रित किया है, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक हस्तियां, धार्मिक संगठनों से जुड़े लोग, अल्पसंख्यक नेता, खेल हस्तियां, फिल्म कलाकार, उद्योगपति और कई देशों के राजनयिक शामिल हैं।


राहुल गांधी और अखिलेश नहीं होंगे शामिल

जानकारी के मुताबिक लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, बसपा सुप्रीमो मायावती, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू समेत कई दिग्गज नेताओं को भी बुलाया गया है। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस समारोह में शिरकत नहीं करेंगे।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कार्यक्रम में जाने से साफ इनकार कर दिया था। सीपीएम ने कहा येचुरी यात्रा पर हैं और आरएसएस की तरफ से उन्हें कोई आमंत्रण भी नहीं मिला है। कांग्रेस ने इसे लेकर आरएसएस पर कटाक्ष भी किया है।


आरएसएस पर कांग्रेस का हमला

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा आरएसएस और बीजेपी आमंत्रण भेजने को लेकर फर्जी खबर फैला रहे हैं, जैसे यह किसी सम्मान का कोई मेडल हो। सुरजेवाला ने कहा इस तरह का कोई आमंत्रण कांग्रेस पार्टी को नहीं मिला और यह कोई सम्मान का पदक नहीं हैं। उनके अंतर्निहित घृणा के एजेंडे को सभी लोग जानते हैं। आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी और यह सत्तारूढ़ बीजेपी के विचारधारा का स्रोत है। 


आरएसएस ने भी किया पलटवार

वहीं आरएसएस के एक प्रवक्ता ने कहा, संघ की आलोचना सभी कर रहे हैं, खास तौर से विपक्ष कर रहा है। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम हमारे विचार को प्रस्तुत करने के लिए है। यह बताने के लिए है कि उन मुद्दों के प्रति हमारा नजरिया कैसा है, जिसे विपक्ष हमें और सरकार को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। आरएसएस के प्रमुख प्रवक्ता अरुण कुमार ने कहा भारत आज अपना दुनिया में विशेष स्थान फिर से हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
 

Created On :   17 Sept 2018 9:42 AM IST

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