'सोहराबुद्दीन एनकाउंटर' में सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर

Rubabuddin Sheikh  filed a petition in the Bombay High Court
'सोहराबुद्दीन एनकाउंटर' में सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर
'सोहराबुद्दीन एनकाउंटर' में सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर

डिजिटल डेस्क,मुंबई। गुजरात के सबसे मशहूर सोहराबुद्दीन शेख और उसके दोस्त तुलसीराम प्रजापति के एनकांउटर के मामले में बीते दिनों सीबीआई कोर्ट ने पिछले दिनों डीजी वंजारा और आईपीएस एमएन दिनेश को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ अब सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन शेख ने हाइकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। रुबाबुद्दीन ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाइकोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की। रुबाबुद्दीन ने अपनी याचिका में कहा है कि गुजरात के पूर्व एटीएस प्रमुख डीजी वंजारा और राजस्थान के आईपीएस एमएन दिनेश के खिलाफ पर्याप्त सबूत है। 

क्या है सोहराबुद्दीन का मामला? 

दरअसल, नवंबर 2005 में गुजरात एटीएस ने सोहराबुद्दीन शेख को गांधीनगर में चली मुठभेड़ में मार गिराया था। जिसके बाद उसकी पत्नी कौसर बी भी लापता हो गई थी। बताया जाता है कि उसे भी मार दिया गया है। एटीएस पर यह भी आरोप है कि सोहराबुद्दीन के दोस्त और इस एनकाउंटर के आई-विटनेस तुलसीराम प्रजापति को भी पुलिस ने दिसंबर 2006 में गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव में मार दिया था। 

सोहराबुद्दीन पर क्या था आरोप? 

सीबीआई के मुताबिक सोहराबुद्दीन टेरर ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और उसके साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों में लगा था। इश काम में सोहराबुद्दीन का साथ उसकी पत्नी कौसर बी भी देती थी। इन दोनों को हैदराबाद में एटीएस ने गिरफ्तार किया था। जिस वक्त इन दोनों को गिरफ्तार किया गया उस वक्त दोनों हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। सोहराबुद्दीन के मध्यप्रदेश के झिरन्या गांव स्थित घर से 1995 में AK-47 भी बरामद की गई थी। 

फर्जी एनकाउंटर के आरोप में वंजारा को हुई जेल

सोहराबुद्दीन के फेक एनकाउंटर के आरोप में गुजरात एटीएस के चीफ डीजी वंजारा को सीआईडी ने 24 अप्रैल 2007 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें सीबीआई को सौंप दिया गया। डीजी वंजारा को 2014 में ही बॉम्बे हाइकोर्ट से जमानत मिली थी। लेकिन वंजारा को गुजरात जाने की अनुमति नहीं थी। पिछले साल ही उन्हें बॉम्बे हाइकोर्ट की तरफ से गुजरात जाने की अनुमति मिल गई। जबकि इसी मामले में राजस्थान के आईपीएस एम.एन. दिनेश को मई 2014 में रिहा कर दिया गया था। इस दौरान वंजारा पर इशरत जहां का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप भी लगा। 

सीबीआई कोर्ट ने क्या कहा था? 

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के कथित फर्जी एनकाउंटर के मामले में डीजी वंजारा और एम.एन. दिनेश को बरी कर दिया। स्पेशल कोर्ट का कहना है कि दोनों के खिलाफ इस मामले में कोई पर्याप्त सबूत नहीं है, जिस कारण दोनों को इस मामले से बरी किया जाता है। इस मामले में सीबीआई का कहना था कि ये एनकाउंटर एक सोची-समझी साजिश था जबकि गुजरात पुलिस ने कहा कि सोहराबुद्दीन के लश्कर-ए-तैयबा से संबंध थे। सीबीआई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन शेख ने बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका दायर की है। 
 

Created On :   8 Aug 2017 4:14 AM GMT

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