सेनेटरी नैपकिन हुआ टैक्स फ्री, जानिए कौन-कौन सी चीजें हुईं सस्ती
- जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में सेनेटरी नैपकिन को किया गया टैक्स फ्री।
- अब तक सैनेटरी नैपकिन 12 फीसदी के GST स्लैब में शामिल था।
- चीनी पर सेस को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को की गई। केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में ये बैठक हुई। बैठक में सेनेटरी नैपकिन को गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से मुक्त करने का फैसला लिया गया है यानी अब इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। सेनेटरी नैपकिन के अलावा स्टोन, मार्बल, राखी, साल के पत्तो को भी टैक्स फ्री किया गया है। वहीं टीवी, फ्रीज, वॉशिंग मशीन सहित 50 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन बदलावों से 100 आइटम्स सस्ते होंगे। बैठक में लिए गए ये सभी फैसले 27 जुलाई से लागू होंगे।
इन प्रोडक्ट्स पर अब लगेगा 18 फीसदी टैक्स
जीएसटी काउंसिल की बैठक में जिन प्रोडक्ट्स को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया गया है उनमें वॉशिंग मशीन, विडियो गेम्स लिथियम आयन बैट्रीज, स्टोरेज वॉटर हीटर, ड्रायर, पेंट, वॉटर कूलर, मिल्क कूलर, आइसक्रीम कूलर्स, टीवी, वैक्यूम क्लीनर, फूड ग्राइंडर, मिक्सर, परफ्यूम, टॉइलट स्प्रे और रेफ़्रिजरेटर है।
Lithium ion batteries, vacuum cleaners, food grinders, mixers, storage water heaters, head dryers, hand dryers, paint,varnishes, water cooler, milk cooler, ice cream coolers,perfumes, toilet sprays and toilet preparation brought to 18% from 28% slab: Finance Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/EpI2Waj9VB
— ANI (@ANI) July 21, 2018
इन सामानों पर भी घटा टैक्स
ज्वैलरी बॉक्स, हैंडबैग्स, पेटिंग के लिए लकड़ी के बॉक्स, आर्टवेयर ग्लास और हाथ से बने लैंप पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी किया गया है। वहीं चीनी उद्योग और किसानों को फायदा देने के लिए इथेनॉल पर टैक्स को घटाकर 5 फीसदी किया गया है। यूरिया पर भी अब 5 फीसदी ही टैक्स लगेगा। इसके अलावा 1000 रुपये तक के फुटवेयर पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा, पहले यह राशि 500 रुपये थी।
छोटे व्यापारियों को राहत
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी की बैठक के बाद बताया कि छोटे व्यापारियों को भी राहत दी गई है। अब 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले ट्रेडर्स हर महीने जीएसटी जमा करेंगे, लेकिन उन्हें तिमाही रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। रिटर्न फॉर्म को भी आसान बनाया गया है। यह कंपोजिट डीलर्स और B2B या B2C डीलर्स के लिए अलग होगा। इन्हें दो आसान फॉर्मेट- सुगम और सहज में लाया जाएगा। काउंसिल ने 46 संशोधन किए हैं जिन्हें संसद में पास कराया जाएगा। असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों में व्यापारियों के लिए छूट की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है।
Return forms will be simplified into formats, it will be different for the composite dealers and for B2B or B2C dealers. It will be simplified into two formats— Sugaam and Sahaj: Finance Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/ZhTCiYAkWb
— ANI (@ANI) July 21, 2018
GST को आसान बनाना प्राथमिकता
पीयूष गोयल ने कहा, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को 30 सितंबर 2019 तक इन्स्टॉल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी को आसान बनाना हमारी प्राथमिकता है, इसलिए हम जल्द ही ट्रांसपोर्टर्स के लिए RFID टैग को GSTN से जोड़ेंगे। इससे ट्रांसपोर्टरों का उत्पीड़न कम होगा। 4 अगस्त को दिल्ली में स्पेशल जीएसटी मीटिंग भी आयोजित की जाएगी। ये मीटिंग खासकर MSME के लिए होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इन फैसलों से रेवेन्यू पर बहुत कम असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि टैक्स दरों में बदलाव की वजह से करीब 100 आइटम्स की कीमतों पर असर पड़ेगा।
There will be minimal impact of these decisions on revenue collections. 100 items will be impacted by today"s decision. Today"s revenue forgone is good for our consumers MSME participants: Finance Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/TK5sBGyiPd
— ANI (@ANI) July 21, 2018
Created On :   21 July 2018 7:31 PM IST