निपाह वायरस के डर से सऊदी अरब ने केरल की फल-सब्जियों पर लगाया बैन
- 29 मई को सऊदी अरब अमीरात (यूएई) ने केरल से आयात होने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया था।
- केरल में फैले निपाह वायरस के खौफ से सऊदी अरब ने यहां के फ्रोजेन एवं संसाधित फलों और सब्जियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- इसके सामान्य लक्षण बुखार
- खांसी
- सिरदर्द
- सांस की तकलीफ और भ्रम हैं।
- ‘गल्फ न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि निपाह वायरस एंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की खतरनाक सूजन) का कारण बन सकता ह
डिजिटल डेस्क, तिरुअनंतपुरम। केरल में फैले निपाह वायरस के खौफ से सऊदी अरब ने यहां के फ्रोजेन एवं संसाधित फलों और सब्जियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ‘गल्फ न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि निपाह वायरस एंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की खतरनाक सूजन) का कारण बन सकता है। इसके सामान्य लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस की तकलीफ और भ्रम हैं। बता दें कि 29 मई को सऊदी अरब अमीरात (यूएई) ने केरल से आयात होने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया था।
संयुक्त अरब अमीरात की स्वास्थ्य प्रदाता कंपनी वीपीएस हेल्थकेयर ने केरल सरकार को निपाह से लड़ने के लिए विमान से चिकित्सीय सामग्री भेजी है। यूएई के अधिकारियों ने कहा था कि केरल से आयात किए जाने वाले 100 टन फल व सब्जियों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। केरल में निपाह से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
गौरतलब है कि निपाह वायरस ने लगभग पूरे केरल राज्य को अपनी चपेट में ले लिया है। इस निपाह बीमारी का सही इलाज ढूंढने के लिए देश के बड़े बड़े डॉक्टर मेहनत करते नजर आ रहे हैं। मगर इंडियन होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन की केरल इकाई ने इस निपाह वायरस के इलाज के लिए सही दवा ढूंढ लेने का दावा किया है। इंडियन होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन के अधिकारी बी. उन्नीकृष्णन ने इस मामले में जानकारी दी है।
बी. उन्नीकृष्णन ने जानकारी देते हुए होम्योपैथिक को सभी तरह के बुखार के लिए उचित दवा बताया है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें संक्रमित मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बता दें कि अब तक निपाह से 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2 की हालत में सुधार हो रहा है। संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लगभग 2,000 लोगों को निगरानी में रखा जा रहा है।
राजीव सदानंदन ने कहा कि निपाह वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों के समयपूर्ण हस्तक्षेप की वजह से इस वायरस को फैलने से रोका गया है। लोगों में डर का कारण यह भी है कि सोशल मीडिया पर झूठी खबरें प्रसारित की गई हैं। सचिव ने कहा कि निपाह वायरस की जांच के लिए अभी तक 196 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है जिनमें 18 पॉजीटिव मामलों में से चार संक्रमित थे। हालांकि, उनका सीधे तौर से मरीजों से कभी कोई संपर्क नहीं रहा।
Created On :   5 Jun 2018 5:48 PM IST