CJI के खिलाफ महाभियोग पर SC में सुनवाई, कांग्रेस सांसदों की अर्जी खारिज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा को पद से हटाने का महाभियोग नोटिस अस्वीकार किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आज इस मामले पर सुनवाई की। 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने कांग्रेस सांसदों की याचिका को खारिज कर दिया है। पीठ के फैसले के बाद कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली। सिब्बल ने कहा कि चीफ जस्टिस इस मामले में प्रशासनिक या न्यायिक स्तर पर कोई आदेश जारी नहीं कर सकते। सभी मामले को संविधान पीठ को रेफर किया जाता है, जब कानून का कोई सवाल उठा हो, यहां फिलहाल कानून का कोई सवाल नहीं है। बता दें कि कांग्रेस के दो सांसदों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दीपक मिश्रा के खिलाफ सांसदों द्वारा दिए गए महाभियोग नोटिस को अस्वीकार करने के आदेश को चुनौती दी थी।
We filed petition in SC (challenging VP Naidu"s dismissal of impeachment motion against CJI) yesterday and was to be heard today. But we were informed last evening that our petition will be heard by 5 judges. Who gave these orders? What were the orders?: Kapil Sibal,Congress pic.twitter.com/fFE0E78V88
— ANI (@ANI) May 8, 2018
ये पांच जज करेंगे सुनवाई
बता दें कि कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा और अमी याग्निक ने कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में आज (मंगलवार) को कामकाज की सूची के अनुसार न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पांच सदस्यीय संविधान पीठ याचिका पर सुनवाई करेंगे। इस पीठ में वो चार वरिष्ठ जज शामिल नहीं हैं, जिन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर चीफ जस्टिस मिश्रा पर अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
याचिका में आदेश को रद्द करने की मांग की गई
याचिका में कोर्ट से कहा गया है कि उपराष्ट्रपति नायडू को प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया जाए। याचिका में सभापति के आदेश को मनमाना व गैरकानूनी बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है। कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल व प्रशांत भूषण ने दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश जे. चेलामेश्वर की अदालत में याचिका का जिक्र करते हुए मामले को सुनवाई पर लगाने का आदेश मांगा।
पीठ ने "मास्टर ऑफ रोस्टर" का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल व प्रशांत भूषण से कहा कि याचिका को सीजेआई के समक्ष रखें। हालांकि, बाद में दोनों वकीलों से कहा था कि वे मंगलवार को आएं। दरअसल, 23 अप्रैल को राज्यसभा के सभापति ने यह कहते हुए विपक्षी दलों के महाभियोग नोटिस को खारिज कर दिया था कि सीजेआइ जस्टिस मिश्रा के खिलाफ किसी प्रकार के कदाचार की पुष्टि नहीं हुई है।
चुनौती का कोई कानूनी आधार नहीं: बीजेपी
कांग्रेस सांसदों के सुप्रीम कोर्ट जाने पर सीनियर एडवोकेट व भाजपा नेता अमन सिन्हा ने कहा कि सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के नोटिस को खारिज किए जाने को लेकर दिए जाने वाले राज्यसभा अध्यक्ष के नोटिस को चुनौती देने का कोई कानूनी आधार नहीं। राज्यसभा अध्यक्ष का निर्णय उचित था। महाभियोग की नोटिस में दर्ज एक-एक मामले पर उन्होंने सही तरीके से विचार कर निर्णय लिया।
Created On :   8 May 2018 7:59 AM IST