निगरानी की जद में हर कंप्यूटर, SC ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

निगरानी की जद में हर कंप्यूटर, SC ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस
हाईलाइट
  • 10 एजेंसियां देख सकती हैं किसी का भी डेटा
  • 20 दिसंबर को सरकार ने जारी किया था नोटिफिकेशन
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिया छह हफ्तों का समय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की 10 एजेंसियों को किसी भी कम्प्यूटर का डेटा देखने की अनुमति देने के सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए छह हफ्तों का समय दिया है। बता दें कि 20 दिसंबर को सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इंटेलिजेंस एजेंसियां देश में रहने वाले किसी भी व्यक्ति का वाट्सऐप, कम्प्यूटर और ईमेल डेटा देख सकती हैं।

दरअसल, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आईबी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत कुल 10 एजेंसियों को निगरानी का अधिकार दिया है। सरकार के इस फैसले का विरोध होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आम लोगों के जीवन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69 में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और एकता को लेकर किसी चिंताजनक स्थिति में सक्षम एजेंसियां यह जांच कर सकती हैं। इस सेक्शन में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रावधानों का जिक्र किया गया था।

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक देश की ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकती हैं। इसके लिए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। 10 एजेंसियों में आसूचना ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, मंत्रिमंडल सचिवालय (रॉ), सिग्नल एंटेलिजेंस निदेशालय (केवल जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम सेवा क्षेत्रों के लिए)  दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल हैं।

 

 

 

Created On :   14 Jan 2019 1:25 PM IST

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