रेप पीड़िताओं को 5 और एसिड अटैक पीड़िताओं को 7 लाख मुआवजा दें : सुप्रीम कोर्ट

SC ordered compensation for rape victims as per NLSA
रेप पीड़िताओं को 5 और एसिड अटैक पीड़िताओं को 7 लाख मुआवजा दें : सुप्रीम कोर्ट
रेप पीड़िताओं को 5 और एसिड अटैक पीड़िताओं को 7 लाख मुआवजा दें : सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (11 मई) को महिला उत्पीड़न के मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यौन उत्पीड़न और ऐसिड अटैक जैसी जघन्य घटनाओं से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए नैशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी की तय की गई मुआवजे की राशि पर अपनी सहमति दे दी है। अब रेप के मामले में न्यूनतम रकम पांच लाख रुपए होगी, जबकि एसिड अटैक वाले मामलों में यह राशि न्यूनतम सात लाख रुपए दी जाएगी।

अधिकतम मुआवजा 10 लाख 
आदेश के अनुसार रेप और अप्राकृतिक संबंधों के मामले में न्यूनतम चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि गैंगरेप या जान जाने की स्थिति में स्कीम के अंतर्गत पीड़ित या उसके परिजन को न्यूतम पांच लाख रुपए बतौर मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे, जबकि अधिकतम रकम 10 लाख रुपए होगी। वहीं, किसी अंग को नुकसान पहुंचने या फिर 80 फीसदी तक विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा गंभीर रूप से चोट लगने पर भी 2 लाख रुपये का प्रावधान है। यह स्कीम सभी राज्यों के लिए लागू होगी। यदि गैंगरेप की पीड़िता की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी। 5 लाख रुपये गैंगरेप के एवज में और 5 लाख रुपये मौत के मुआवजे के तौर पर।  

राज्य सरकार की अलग-अलग मुआवजा राशि
राज्य सरकारें अभी अपने स्तर पर रेप और एसिड अटैक पीड़िताओं को अलग-अलग राशि मुहैया कराती हैं। जैसे ओडिशा सरकार 10,000 रुपये देती है और गोवा सरकार 10 लाख रुपये तक की राशि देती है। महाराष्ट्र ऐसा पहला राज्य है, जहां ऐसे मामलों को लेकर कोई नियम नहीं है। मगर सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पीड़िताओं को मिलने वाली रकम समान हो जाएगी। ऐसे में उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा। बता दें कि नैशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने मुआवजे की राशि तय की है। केंद्र सरकार से बातचीत और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर इसे तैयार किया गया है।

अथॉरिटी की ओर से कोर्ट के आदेश के बाद कहा गया है, रेप, गैंगरेप और एसिड अटैक के मामलों में इस स्कीम के जरिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाली पीड़िताओं और उनके परिजन को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। वे इसके जरिए कानूनी लड़ाई लड़ सकेंगी।      

Created On :   11 May 2018 5:34 PM IST

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