निर्भया फंड को लेकर SC की सीएम शिवराज को फटकार, कहा- 'ये चैरिटी है क्या'

SC reprimand Shivraj for Nirbhaya Fund said What is this charity
निर्भया फंड को लेकर SC की सीएम शिवराज को फटकार, कहा- 'ये चैरिटी है क्या'
निर्भया फंड को लेकर SC की सीएम शिवराज को फटकार, कहा- 'ये चैरिटी है क्या'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में आए दिन किसी न किसी प्रदेश में रेप की वारदात सुनने को मिलती है। देश का दिल दहलाने वाले निर्भया रेप कांड के बाद केंद्र सरकार की ओर से निर्भया फंड शुरू किया गया था। जिसका मकसद देश भर में बलात्कार पीड़िताओं का पुनर्वास और उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराना था। हालांकि इस योजना का लाभ कितनी पीड़िताओं को मिला, यह आंकड़ा सरकारें नहीं साफ कर पाईं। 2014 से शुरू हुए इस फंड की राशि कई साल से या तो इस्तेमाल नहीं हुई या फिर बेहद मामूली राशि बांटी गई। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामें के जरिए शिवराज सरकार ने बताया कि पिछले साल राज्य भर में रेप के 1951 मामले दर्ज हुए। 

 


कोर्ट ने कहा-आपकी नजर में ये रेप का मोल है


सभी पीड़िताओं के छह हजार से साढ़े छह हजार रुपये मुआवजा दे दिया गया। इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि शिवराज जी ये आप क्या कर रहे हैं?  और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?  ये क्या दान की राशि है?  दरअसल सुप्रीम कोर्ट में बलात्कार पीड़िताओं की डॉक्टरी जांच के तौर तरीकों पर उठाई गई आपत्तियों की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। जिसमें कोर्ट ने पूछा कि पिछली बार सभी राज्य सरकारों से जवाब मांगा गया था कि उन्होंने रेप पीड़िताओं के पुनर्वास और मदद के लिए क्या कदम उठाए हैं। इस पर मध्यप्रदेश सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया। जिसे पढ़ते ही कोर्ट ने शिवराज सरकार को फटकार लगाई और कहा कि आपकी नजर में रेप का मोल  6000 रुपए है। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?

 

 

 

नहीं बंद हो रही घटनाएं

 

बता दें कि तमाम कानून बना दिए जाने के बाद भी देश में इस तरह की घटनाओं होना बंद नहीं हो रही हैं। ऐसे घिनौने अपराध अब भी हो रहे हैं, लेकिन सरकारों की संवेदनहीनता की वजह से पीड़िताओं को दिया जाने वाला मुआवजे के फंड का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। अब इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार की बेरुखी भी सामने आई है। बता दें कि निर्भया फंड का सबसे ज्यादा हिस्सा मध्यप्रदेश को मिला है, लेकिन रेप पीड़िताओं को सरकार महज साढ़े छह हजार रुपए ही देती है।

 

 

 

हरियाणा सरकार को भी लगाई गई फटकार


हरियाणा सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि क्यों निर्भया कोष के बारे में विवरण का हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले महीने ही सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया था। उन्हें इसमें यह भी बताना था कि निर्भया कोष के अंतर्गत पीड़ितों के मुआवजे के लिए कितना धन मिला और कितनी राशि वितरित की गई। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही स्पष्ट संकेत है कि आप अपने राज्य मे महिलाओं की सुरक्षा के बारे में क्या महसूस करते हैं।

Created On :   16 Feb 2018 11:27 AM IST

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