SC की केंद्र को फटकार, कहा - NRC प्रक्रिया को बर्बाद न करें
- केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए NRC के काम को कुछ हफ्ते रोकने की गुजारिश की थी।
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ऐसा लगता है गृह मंत्रालय की पूरी कोशिश NRC प्रक्रिया को बर्बाद करने की है।
- सुप्रीम कोर्ट ने NRC प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए NRC के काम को कुछ हफ्ते रोकने की गुजारिश की थी। गृह मंत्रालय की इस की मांग पर नाराज़गी जताते हुए, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ऐसा लगता है गृह मंत्रालय की पूरी कोशिश NRC प्रक्रिया को बर्बाद करने की है।
सुप्रीम कोर्ट की यह तीखी टिप्पणी असम सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उस टिप्पणी के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से मतदान की तारीख तक NRC की प्रक्रिया को रोकना पड़ सकता है।
केंद्र की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि NRC प्रक्रिया को दो और हफ्तों तक बढ़ाया जा सकता है क्योंकि चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए NRC प्रक्रिया के लिए तैनात किए गए सुरक्षाबलों को दूसरी जगहों पर तैनात करना पड़ेगा। हालांकि, CJI ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और दोहराया कि असम के लिए अंतिम NRC प्रकाशित करने की समय सीमा 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।
अटॉर्नी जनरल के जवाब में, चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि सरकार NRC प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रही है। “यदि आप चाहे हैं तो NRC प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1001 तरीके हैं। गोगोई ने कहा क्या आप चाहते हैं कि हम गृह सचिव को तलब करें?
50,000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी NRC की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जुटे हैं। ऐसे में NRC के साथ-साथ चुनाव की प्रक्रिया को पूरा कराना बुरे सपने से कम नहीं है। मामले पर विचार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि आयोग कुछ अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से छूट देने पर विचार करें ताकि किसी भी बाधा के बिना NRC प्रक्रिया को जारी रखा जा सके।
पिछली सुनवाई में, राज्य NRC समन्वयक प्रतीक हजेला ने अदालत को बताया था कि दावों और आपत्तियों के दाखिल करने की प्रक्रिया 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त हो गई थी, और “लगभग 36.2 लाख दावे और लगभग 2 लाख आपत्तियां” दायर की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा था कि दावों की सुनवाई की प्रक्रिया 15 फरवरी से शुरू होगी और दावेदारों को 15 दिनों का नोटिस दिया जाएगा।
Created On :   5 Feb 2019 6:10 PM IST