CBI घमासान: सुप्रीम कोर्ट में कल होगी आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई
- CBI डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना दोनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है।
- आलोक वर्मा की याचिका सरकार के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई है जिसमें उनसे चार्ज वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है।
- सुप्रीम कोर्ट की बेंच शुक्रवार को CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा और NGO की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच शुक्रवार को CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। आलोक वर्मा की याचिका सरकार के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें उनसे चार्ज वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। बता दें कि CBI डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना दोनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
कोर्ट इस याचिका के साथ-साथ NGO कॉमन कॉज की याचिका पर भी सुनवाई करेगा। NGO की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अस्थाना को CBI से हटाया जाना चाहिए। इसमें ये भी कहा गया है कि सीवीसी और सरकारी आदेश अवैध हैं क्योंकि आलोक वर्मा को हाई पावर पैनल की मंजूरी के बिना स्थानांतरित या उनके अधिकारों को कम नहीं किया जा सकता।
वहीं एम नागेश्वर राव की अंतरिम डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि राव पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर मामले हैं, लिहाजा उन्हें सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नहीं बनाया जाना चाहिए ।
बता दें कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद CBI में जॉइंट डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे एम नागेश्वर को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बना दिया गया है। आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के ऑफिसों को भी सील कर दिया गया है। राकेश अस्थाना CBI में दूसरे नंबर की हैसियत वाले अफसर थे।
एजेंसी की ओर से 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई FIR में कहा गया है कि एक केस को रफा-दफा करने के लिए अस्थाना ने करोड़ों रुपए की रिश्वत ली है। इससे पहले, राकेश अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को एक विस्तृत पत्र लिखकर CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए थे।
राकेश अस्थाना ने उनपर FIR दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट का रुख किया था जहां से उन्हें अंतरिम राहत मिल गई थी। दिल्ली की पटियाला हाईकोर्ट ने अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होना है। हाईकोर्ट ने अस्थाना का लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त करने के लिए कहा था ताकि सबूतों से किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके। अस्थाना के वकील ने कोर्ट से उनके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे ठुकराते हुए मांग को खारिज कर दिया था।
Created On :   25 Oct 2018 8:25 PM IST