Scams in Jammu and Kashmir are unique, made by separatists in Pakistan: Chief Secretary (IANS Exclusive)

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिव बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में घोटालों की कहानियां अपने आप में अनोखी हैं और जम्मू एंड कश्मीर बैंक के सीएमडी एक नंबर के घोटालेबाज हैं।

अधिकारी ने कहा कि अलगाववादियों ने जम्मू-कश्मीर को लगभग पाकिस्तान की तरह बना डाला था। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2018 में तत्कालीन पूर्ण राज्य में मुख्य सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले प्रशासन में फैली गंदगी को साफ करने को कहा था।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने एक बात कही थी कि यहां गंदगी को साफ करिए।

बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का पहला साल पूरा होने पर कहा, जम्मू-कश्मीर के बारे में घोटाले की कहानियां अपने आप में अनोखी हैं। यह देश का एकमात्र ऐसा स्थान है, जिसका अपना बैंक है। किसी भी राज्य सरकार के पास अपना बैंक नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत में बहुत पहले राज करने वाले शासकों के अपने बैंक होते थे, जैसे बीकानेर, जयपुर, हैदराबाद और मैसूर, जो भारतीय स्टेट बैंक से जुड़े थे और वे सभी अब विलय हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, जम्मू एंड कश्मीर बैंक का सीएमडी घोटालेबाज नंबर एक है। मैं इसे पहले दिन से जानता था। 20 परिवारों या अधिकतम 30 परिवारों को जे एंड के बैंक ने दूध पिलाया। आम आदमी इसे नहीं जानता है।

1987-बैच के आईएएस अधिकारी ने कहा, क्योंकि यह एक बैंकिंग संस्थान है तो कोई इसे परेशान नहीं करना चाहता है। आम लोगों को लगता है कि जे एंड के बैंक इस क्षेत्र का शोपीस है, लेकिन जब मैं सच्चाई सामने लाता हूं तो स्थिति कुछ अलग दिखती है।

अधिकारी ने कहा कि जे एंड के बैंक के गेस्टहाउस लक्जरी हैं और इसके अधिकारियों की जीवन शैली भी काफी शानदार है। उन्होंने कहा, बैंक के कर्मचारियों का वेतनमान निजी क्षेत्र को भी मात देता है और यह सब सरकारी धन पर चलता है। यह सबसे खराब हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्हें नवंबर 2018 में मंत्रिमंडल में पारित एक प्रस्ताव मिला।

मुख्य सचिव ने कहा कि उनके पास एक काली डायरी है और इसके तीन पन्ने घोटालों से भरे हैं।

सुब्रह्मण्यम को बी. बी. व्यास के स्थान पर मुख्य सचिव के रूप में 20 जून, 2018 को नियुक्त किया गया था। इसी समय तीन-वर्षीय पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार टूट गई थी। 19 जून 2018 को दोनों पार्टियों के अलग होने के बाद तत्कालीन पूर्ण राज्य को राज्यपाल के शासन में रखा गया था।

छत्तीसगढ़-कैडर के अधिकारी ने कहा कि इन्हीं घोटालों की वजह थी कि उन्हें दूसरे राज्य से मुख्य सचिव के रूप में यहां लाया गया, क्योंकि यहां उनके कोई जानकार या दोस्त नहीं थे।

उन्होंने कहा कि सिस्टम में बहुत अधिक सफाई की आवश्यकता है और जब वह जम्मू-कश्मीर आए थे, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें तीन चीजें करने के लिए निर्देशित किया था। वह यही थी कि इस जगह की सफाई करें, सिस्टम को बेहतर करें और स्थानीय लोगों की खोई हुई अमानत को उन्हें वापस लौटाएं।

 

एके/एएम

Created On :   11 Aug 2020 10:00 PM IST

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