एसएफजे ने रेफरेंडम 2020 से पहले किसानों का अनुदान बढ़ाने की मांग उठाई (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

SFJ raises demand to increase farmers grant before referendum 2020 (IANS Exclusive)
एसएफजे ने रेफरेंडम 2020 से पहले किसानों का अनुदान बढ़ाने की मांग उठाई (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
एसएफजे ने रेफरेंडम 2020 से पहले किसानों का अनुदान बढ़ाने की मांग उठाई (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख नेताओं गुरपतवंत सिंह पन्नू और हरदीप सिंह निज्जर की संपत्तियों को कुर्क करेगी। इस कार्रवाई से नाराज प्रतिबंधित संगठन अब अपने भारत-विरोधी अभियान रेफरेंडम-2020 के तहत पंजाब के किसानों को लुभाने के लिए उन्हें 3500 रुपये अनुदान के तौर पर देने की पेशकश कर रहा है। खुफिया सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अमेरिका आधारित अलगाववादी समूह ने पंजाब के ऐसे प्रत्येक किसान को मासिक आधार पर धन मुहैया कराने की घोषणा की है, जो कृषि ऋण नहीं चुका पाए हैं। समूह ने अपने रेफरेंडम-2020 अभियान के लिए पंजाब के किसानों का समर्थन प्राप्त करने की रणनीति के तहत यह घोषणा की है, जिसे नवंबर में आयोजित करने की योजना है।

इससे पहले गृह मंत्रालय ने पन्नू की अमृतसर और निज्जर की जालंधर स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। इस आदेश के एक दिन बाद अब खुफिया एजेंसियों के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो एसएफजे के खिलाफ मामलों की जांच कर रही है, उन्हें समूह की ओर से किसानों के लिए अनुदान प्रस्ताव पर इनपुट प्राप्त हुए हैं।

एसएफजे ने अपनी पूर्व घोषणा को संशोधित किया, जिसके तहत पंजाब के पांच एकड़ जमीन वाले किसानों को प्रत्येक कृषि ऋण को चुकाने में मदद करने के लिए 3,000 रुपये देने की बात कही गई थी।

पंजाब के अलगाव के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एसएफजे के जनरल काउंसलर पन्नू ने कहा, भारत मेरी जमीन ले सकता है, लेकिन रेफरेंडम 2020 को रोक नहीं पाएगा।

इससे पहले, एसएफजे ने केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल को 13 सितंबर को पंजाब में रेल रोको के लिए आह्वान करते हुए पंजाब में ट्रेनें नहीं चलाने की चेतावनी दी थी।

मंत्री को लिखे गए एक ईमेल में एसएफजे ने पंजाब में कृषि ऋणों का मुद्दा उठाते हुए किसानों द्वारा बढ़ती आत्महत्याओं के प्रति भारत सरकार की आपराधिक लापरवाही की बात कही थी।

भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 51-ए के तहत पन्नू की अमृतसर और निज्जर की जालंधर स्थित संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।

एनआईए की सिफारिश के आधार पर, गृह मंत्रालय ने अमृतसर के खानकोट गांव में पन्नू की 46 कनाल भूमि और उसी जिले में भैंसवाल इलाके में सुल्तानविंड उपनगरीय इलाके में 11 कनाल और 13.5 मरला जमीन कुर्क करने का आदेश दिया है।

इसके अलावा जालंधर के सिंहपुरा में भार गांव में निज्जर की 11 कनाल और 13 मरला जमीन को भी कुर्क करने के आदेश जारी किए गए हैं।

पन्नू एसएफजे का जनरल काउंसलर हैं, जबकि निज्जर रेफरेंडम 2020 कनाडा का समन्वयक है।

एनआईए ने कहा कि पन्नू की अध्यक्षता वाला एसएफजे वर्तमान में सोशल मीडिया पर रेफरेंडम-2020 के प्रचार के प्रयास में लगा हुआ है। एसएफजे अमेरिका और अन्य देशों में कुछ जगहों पर बैठकें आयोजित करने की कोशिश कर रहा है, ताकि प्रवासी लोगों को अपनी अवैध गतिविधियों के लिए उकसाया जा सके।

गृह मंत्रालय ने पिछले साल 10 जुलाई की अधिसूचना के माध्यम से यूएपीए के तहत एसएफजे को गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित किया था।

गौरतलब है कि मंत्रालय ने एक जुलाई की अधिसूचना के अनुसार, उक्त अधिनियम की चौथी अनुसूची के तहत पन्नू, निज्जर और सात अन्य खालिस्तानियों को आतंकवादी के रूप में नामित किया था।

इसके अलावा इससे पहले एसएफजे ने अलग-अलग पोर्टलों के माध्यम से रेफरेंडम 2020 के लिए चार जुलाई को अपना ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण शुरू करने के लिए पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर को चुना था, लेकिन उसे कथित तौर पर समर्थन नहीं मिला।

समूह ने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह के लिए अपना मतदाता पंजीकरण शुरू करने के लिए दो बार कनाडाई साइबरस्पेस का उपयोग किया है, जो रेफरेंडम 2020 अभियान में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

एसएफजे को भारत में अलगाववादी बीज बोने के लिए पाकिस्तान स्थित संचालकों का समर्थन प्राप्त है।

इस समूह का नेतृत्व अवतार सिंह पन्नू और गुरपतवंत सिंह पन्नू कर रहे हैं, जो खालिस्तान के साथ-साथ जनमत संग्रह के लिए ऑनलाइन अलगाववादी अभियान की वकालत करते रहे हैं।

एकेके/एसजीके

Created On :   9 Sept 2020 7:00 PM IST

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