चीन की कर्ज-जाल कूटनीति को तगड़ा झटका, केन्या में परियोजना पर रोक

Shock to Chinas debt-trap diplomacy, project stopped in Kenya
चीन की कर्ज-जाल कूटनीति को तगड़ा झटका, केन्या में परियोजना पर रोक
चीन की कर्ज-जाल कूटनीति को तगड़ा झटका, केन्या में परियोजना पर रोक
हाईलाइट
  • चीन की कर्ज-जाल कूटनीति को तगड़ा झटका
  • केन्या में परियोजना पर रोक

नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। केन्या की एक अपीलीय अदालत ने चीन की अफ्रीकी सफारी को रोक दिया है। अदालत ने कहा कि चीन और केन्या के बीच स्टैंडर्ड गेज रेलवे (एसजीआर) के निर्माण के लिए हुआ 3.2 अरब डालर का करार अवैध है। इस फैसले ने ड्रैगन की ऋण-जाल कूटनीति पर से पर्दा हटा दिया है।

चीन ने अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के तहत रेलवे लाइन का निर्माण भारी-भरकम कर्ज देकर किया है। चीनी वायरस महामारी के वित्तीय प्रभाव को संभालने के दौरान केन्या पर अपने ऋण का भुगतान करने का भी लगातार दबाव रहा है।

केन्या ने 2013 से एसजीआर निर्माण के लिए चीन से पांच अरब डालर से अधिक का कर्ज लिया जिससे यह देश की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना हो गई। लेकिन, संचालन के अपने पहले ही वर्ष में परियोजना में लगभग 9.8 करोड़ डालर का नुकसान हुआ जिससे केन्या की ऋण चुकाने की क्षमता हिल कर रह गई।

रेलवे परियोजना को उन शर्तों पर वित्त पोषित किया गया जो केन्या की सबसे महत्वपूर्ण संपत्तियों में से कुछ पर चीन को नियंत्रण प्रदान कर सकती हैं। यदि केन्या चीनी ऋणदाता को भारी भरकम कर्ज चुकाने में विफल रहता है तो वह आकर्षक मोम्बासा बंदरगाह तक को खो सकता है।

रेलवे परियोजना के विकास के लिए ऋण दिए गए थे। केन्या रेलवे कॉरपोरेशन (केआरसी) के लिए ऋण की शर्तें निर्दिष्ट करती हैं कि बंदरगाह की संपत्ति कोलैटरल है और अनुबंध के एक प्रावधान के तहत केन्या की संप्रभु प्रतिरक्षा (सावरेन इम्युनिटी) द्वारा संरक्षित नहीं है।

पूर्वी अफ्रीका का सबसे बड़ा और सबसे मूल्यवान बंदरगाह मोम्बासा ना केवल केन्या का प्रवेश द्वार है, बल्कि इसके बंदरगाह विहीन (लैंडलॉक्ड) पड़ोसी देशों बुरुंडी, कांगो, रवांडा, दक्षिण सूडान और युगांडा के लिए भी यही हैसियत रखता है। इसलिए, बंदरगाह पर नियंत्रण खोने का मतलब केन्या की संप्रभुता का क्षरण होगा।

मोम्बासा पोर्ट के अलावा, केन्या को नैरोबी में इनलैंड कंटेनर डिपो का नियंत्रण भी चीन के हाथों खोना पड़ सकता है। केन्याई मीडिया ने कहा कि अधिग्रहण के निहितार्थ गंभीर होंगे, जिसमें हजारों बंदरगाह कर्मियों का चीनी कर्जदाताओं के तहत काम करने के लिए मजबूर किए जाने की आशंका भी शामिल है।

केन्या अफ्रीका में चीन के सबसे बड़े व्यापार साझेदारों में से एक है। इस पर चीन 6.5 अरब डालर कर्ज है जो इसके कुल विदेशी ऋण का 21.9 प्रतिशत है। चीन को ब्याज भुगतान, 2019 में कर्ज व्यय के लिए उपयोग किए जाने वाले नकद का 87 प्रतिशत रहे।

ऋणों के पुनर्भुगतान के तरीके पर अभी भी काम करने की आवश्यकता है, लेकिन यह कम से कम केन्या को और बुरे ऋणों को स्वीकार करने से रोक देगा। अपीलीय अदालत के फैसले से केन्याई सरकार को कर्ज के जाल से बाहर निकलने का अवसर मिल सकता है।

Created On :   1 July 2020 1:30 PM GMT

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