कोविंद की यात्रा से पहले तैयारी का जायजा लेने श्रृंगला ढाका जाएंगे
- राष्ट्रपति 15 से 17 दिसंबर के बीच श्रीलंका यात्रा पर होंगे
डिजिटल डेस्क, ढाका। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला 7-8 दिसंबर को ढाका का दौरा करेंगे। उनके दौरे के दौरान कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 15 से 17 दिसंबर तक पहली बांग्लादेश यात्रा की तैयारियां भी शामिल हैं।
बांग्लादेश अपनी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती और राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के साथ-साथ ढाका और दिल्ली के बीच 50 साल के राजनयिक संबंधों का जश्न मना रहा है।
श्रृंगला पहले ढाका में ही भारत के उच्चायुक्त थे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ उनकी एक शिष्टाचार बैठक होने की उम्मीद है। संभावना है कि इस दौरान वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक विशेष संदेश बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को देने वाले हैं।
इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना भी है। सूत्रों ने कहा कि विदेश सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के बाद श्रृंगला की बांग्लादेश की यह तीसरी यात्रा होगी। श्रृंगला की यात्रा ढाका में कोविंद के यात्रा कार्यक्रम की तैयारी पर केंद्रित होगी।
वह विदेश मंत्री ए.के. अब्दुल मोमेन और उनके समकक्ष मसूद बिन मोमेन जब आर्थिक सहयोग, सीमा पार परियोजनाओं, स्वास्थ्य सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए आएंगे।
सन् 1971 में बांग्लादेश की भारत की मान्यता को चिह्न्ति करने के लिए दोनों देश 6 दिसंबर को मैत्री दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं। बांग्लादेश की मुक्ति से दस दिन पहले भारत ने 6 दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश को मान्यता दी थी।
ढाका और दिल्ली के अलावा दुनियाभर के 18 देशों में मैत्री दिवस मनाया जा रहा है। ये देश हैं बेल्जियम, कनाडा, मिस्र, इंडोनेशिया, रूस, कतर, सिंगापुर, यूके, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, मलेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका।
इस साल मार्च में नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती, मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने के समारोह में शामिल होने के लिए बांग्लादेश की राजकीय यात्रा की थी।
यह यात्रा बांग्लादेश और भारत के बीच आधी सदी की साझेदारी का प्रतीक है, जो पूरे क्षेत्र के लिए द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मॉडल के रूप में मजबूत, परिपक्व और विकसित हुई है।
(आईएएनएस)
Created On :   4 Dec 2021 11:30 PM IST