श्रीश्री पढ़ाएंगे CBI को आर्ट ऑफ लिविंग का पाठ, पॉजिटिविटी बढ़ाने की कवायद
- इसमें 150 से ज्यादा CBI अफसर शामिल होंगे।
- ऐसे में अब CBI अफसरों में पॉजिटिविटी बढ़ाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की तीन दिवसीय वर्कशॉप आयोजित की जा रही है।
- देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। CBI के शीर्ष अधिकारियों के तनातनी का मामला सीवीसी तक पहुंच चुका है। ऐसे में अब CBI अफसरों में पॉजिटिविटी बढ़ाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की तीन दिवसीय वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। इसमें 150 से ज्यादा CBI अफसर शामिल होंगे।
CBI की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज में बताया गया है कि ये वर्कशॉप 10 नवंबर से 12 नवंबर तक चलेगी। इस वर्कशॉप का मकसद पॉजिटिविटी और एनर्जी लेवल बढ़ाने के साथ-साथ एजेंसी के माहोल में सकारात्मक बदलाव लाना है। वर्कशॉप के जरिए CBI चाहती है कि उनके अफसर पूरी क्षमता के साथ कर सके। इस वर्कशॉप में 150 से ज्यादा अफसर हिस्सा लेंगे, जिसमें इंस्पेक्टर से लेकर इनचार्ज डायरेक्टर CBI तक शामिल होंगे। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में होगा।
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने CBI के इस आयोजन की कड़ी आलोचना की है। भूषण ने एक ट्वीट में लिखा, "डायरेक्टर पद से आलोक वर्मा को हटाने और दागदार अधिकारी नागेश्वर राव को डायरेक्टर बनाने के बाद CBI श्री श्री के तत्वावधान में एक वर्कशॉप कराने जा रही है। इसका मकसद CBI से नकारात्मक ऊर्जा निकाल कर सकारात्मक ऊर्जा भरना है। वो दिन बहुत दिन नहीं जब CBI में हम तांत्रिक, ज्योतिष और सपेरे देखेंगे।" बता दें कि प्रशांत भूषण CBI में जारी विवाद पर लगातार मोदी सरकार को घेर रहे हैं।
गौरतलब है कि करोड़ों रुपए की रिश्वत के आरोप लगने के बाद CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया था। डायरेक्टर को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद CBI में जॉइंट डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे एम नागेश्वर को CBI को अंतरिम डायरेक्टर बना दिया गया था। आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के ऑफिसों को भी सील कर दिया गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि वह इस मामले को देखेंगे, उन्होंने सीवीसी से अपनी जांच 2 हफ्ते में पूरी करने को कहा था।
एजेंसी की ओर से 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई FIR में कहा गया था कि एक केस को रफा-दफा करने के लिए अस्थाना ने करोड़ों रुपए की रिश्वत ली है। इससे पहले, राकेश अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को एक विस्तृत पत्र लिखकर CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए थे।
Created On :   9 Nov 2018 8:45 PM IST