कर्नाटक में दुष्कर्म के आरोपी संत पर पुलिस की नरमी के खिलाफ 2 सितंबर को राज्यव्यापी प्रदर्शन

Statewide protest on September 2 against polices leniency on saint accused of rape in Karnataka
कर्नाटक में दुष्कर्म के आरोपी संत पर पुलिस की नरमी के खिलाफ 2 सितंबर को राज्यव्यापी प्रदर्शन
कर्नाटक कर्नाटक में दुष्कर्म के आरोपी संत पर पुलिस की नरमी के खिलाफ 2 सितंबर को राज्यव्यापी प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित मुरुघा मठ के लिंगायत संत मुरुघ शिवमूर्ति शरणारू के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता की निंदा करते हुए दलित और छात्र संगठनों व अन्य ने 2 सितंबर को सत्तारूढ़ भाजपा और कर्नाटक पुलिस के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध का आह्वान किया है। संत मुरुघा पर दुष्कर्म का आरोप है।

नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप का सामना कर रहे मुरुघा की तत्काल गिरफ्तारी के लिए विभिन्न संगठनों ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी किए गए हैं। प्रदर्शनकारी 2 सितंबर को सुबह 10.30 बजे बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में इकट्ठा होंगे।

पोस्टरों में घोषणा की गई है कि विरोध प्रदर्शन को महिला संगठनों, श्रमिक संघों, किसान और दैनिक वेतन भोगी श्रमिक संघों, अल्पसंख्यक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, अधिवक्ता संघों और यौन अल्पसंख्यक समूहों द्वारा समर्थित किया जाएगा।

दुष्कर्म के आरोपी संत ने बुधवार को मठ में चौथे आरोपी परमशिवैया सहित अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक की। जिला एवं सत्र अदालत आरोपी संत की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगी।मठ के सूत्रों ने कहा कि अगर अदालत आरोपी संत की जमानत याचिका खारिज कर देती है तो बैठक बुलाकर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने घटनाक्रम के बाद अधिकांश छात्राओं को मुरुघा मठ छात्रावास से स्थानांतरित कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि संत के खिलाफ पोक्सो मामले में राजनेताओं पर चुप रहने का आरोप लगाना गलत है। उन्होंने कहा, ऐसा कोई मौका नहीं है कि हमने इस घटना को नजरअंदाज किया हो। संबंधित अधिकारियों को इस पर फैसला लेना चाहिए और कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। इस घटना के साथ राजनीति को नहीं जोड़ा जाना चाहिए और इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे।

इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों और प्रमुख नेताओं की आलोचना करने वाले पोस्ट भी वायरल हो गए हैं। एक पोस्ट में लिखा है, दुष्कर्म के आरोपी संत के साथ सहानुभूति न रखें। सिद्धारमैया जो खुद को समाजवादी और प्रगतिशील होने का दावा करते हैं, उन्हें गरीब पीड़ित लड़कियों के लिए आवाज उठानी चाहिए।एक पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को भी फटकार लगाते हुए कहा गया है कि उन्हें जाति नहीं, नैतिकता को महत्व देना चाहिए।

 

 

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Created On :   31 Aug 2022 8:30 PM IST

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