छात्रों को देना होगा हिसाब, लॉकडाउन में कहां रहे आप

Students will have to account, where are you in lockdown
छात्रों को देना होगा हिसाब, लॉकडाउन में कहां रहे आप
छात्रों को देना होगा हिसाब, लॉकडाउन में कहां रहे आप

नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों का नया सत्र एक अगस्त से शुरू हो रहा है। नए सत्र में शामिल होने के साथ ही छात्रों को लॉकडाउन की अवधि का हिसाब भी अपने-अपने कॉलेजों को देना होगा। छात्रों को यह बताना होगा कि लॉकडाउन की अवधि में वे किस जगह पर थे।

यह सतर्कता विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतते हुए ली गई है। कोरोना वायरस की रोकथाम के चलते प्रत्येक छात्र को लिखित में कॉलेज प्रशासन को बताना होगा की लॉकडाउन के दौरान वह कहां, किस क्षेत्र में था।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की थी। यूजीसी द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है।

यूजीसी द्वारा गठित इसी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, छात्र अपने-अपने कॉलेजों को पूरी जानकारी देंगे कि वह लॉकडाउन के दौरान किस शहर, गांव, कस्बे, मोहल्ले आदि में थे। छात्रों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कॉलेज प्रशासन अपना ब्योरा एकत्र कर सकेंगे।

दरअसल छात्रों के इस ब्यौरे के आधार पर कॉलेज प्रशासन आवश्यकता पड़ने पर तुरंत अपने इन छात्रों को संभव सहायता प्रदान कर सकेगा।

वहीं, देशभर के विश्वविद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र इस बार सितंबर में शुरू किया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रथम वर्ष के छात्रों को कॉलेजों में दाखिला मिलेगा।

लॉकडाउन के कारण कॉलेजों के शैक्षणिक सत्र को 2 माह की देरी से शुरू किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान कॉलेज बेशक बंद रहे लेकिन इस अवधि के लिए सभी छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत दर्ज की जाएगी।

गौरतलब है कि कमेटी द्वारा की गई सिफारिश अगले सप्ताह यूजीसी के द्वारा स्वीकृत की जा सकती है। छात्रों की उपस्थिति इसलिए दर्ज की जा रही है ताकि सभी छात्र फाइनल परीक्षाओं में शामिल हो सकें।

यूजीसी की इस कमेटी के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर सी कुहाड़ हैं। सदस्यों में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक एसी पांडेय, बनस्थली विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री और पंजाब विश्वविद्यालय के प्रमुख राज कुमार शामिल हैं।

कमेटी ने अपनी एक अन्य सिफारिश में कहा, जहां प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नया शैक्षणिक सत्र एक सितंबर से शुरू किया जाए वहीं, सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों के लिए यह शैक्षणिक सत्र 1 अगस्त से शुरू किया जा सकता है।

कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कहा, 16 से 30 मई के बीच वायवा लिया जाए। इंटरनल एसेसमेंट और वायवा दोनों ही ऑनलाइन तरीके से लिए जाएंगे।

Created On :   30 April 2020 3:00 PM IST

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