CBSE पेपर लीक : सभी पिटीशंस खारिज, SC ने कहा- ये हमारे न्यायिक क्षेत्र से बाहर

Supreme Court Agrees To Hear Plea To Cancel CBSE Class 12 Economics Re-Exam
CBSE पेपर लीक : सभी पिटीशंस खारिज, SC ने कहा- ये हमारे न्यायिक क्षेत्र से बाहर
CBSE पेपर लीक : सभी पिटीशंस खारिज, SC ने कहा- ये हमारे न्यायिक क्षेत्र से बाहर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) के 10वीं मैथ्स और 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर लीक होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल सभी पिटीशंस को खारिज कर दिया है। दरअसल, री-एग्जाम कराए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 4 पिटीशंस फाइल की गई थी, जिसपर बुधवार को सुनवाई होनी थी। जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस एल नागेश्वर की बेंच ने इन सभी पिटीशंस को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि इन पर सुनवाई करने का अधिकार हमारे न्यायिक क्षेत्र में नहीं आता। बता दें कि पेपर लीक के बाद 10वीं मैथ्स का री-एग्जाम नहीं होगा, जबकि 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर 25 अप्रैल को होगा।

4 पिटीशंस हुई थी फाइल :

1. CBSE पेपर लीक होने के बाद री-एग्जाम कराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 4 पिटीशंस फाइल की गई हैं। पहली पिटीशंस दीपक कंसल की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें उन्होंने मांग की है कि दोबारा एग्जाम कराए जाने की बजाय पुराने एग्जाम के आधार पर ही रिजल्ट डिक्लेयर किया जाए और पेपर लीक की जांच CBI से कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच ठीक तरीके से करने के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाए।

2. दूसरी पिटीशन केरल के कोचीन शहर में 10वीं के स्टूडेंट रोहन मैथ्यू ने दायर की है। रोहन ने अपनी पिटीशन में सुप्रीम कोर्ट से CBSE के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए पहले हो चुके एग्जाम के आधार पर ही रिजल्ट घोषित करने की मांग की है। रोहन ने अपनी पिटीशन में कहा है कि दोबारा एग्जाम होना स्टूडेंट्स के साथ ज्यादती है।

3. तीसरी पिटीशन एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव की तरफ से फाइल की गई है। इसमें उन्होंने भी CBI से जांच की मांग की है। साथ ही ये भी कहा है कि 10वीं और 12वीं के हर स्टूडेंट्स को 1-1 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।

4. आखिरी पिटीशन पैरेंट्स मोनिका शर्मा, रश्मि अरोरा और महिंदर प्रताप सिंग की तरफ से गिरिजा कृशन वर्मा और साहिल तगोत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी। इस पिटीशन में 12वीं इकोनॉमिक्स का री-एग्जाम कराए जाने के फैसले को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके साथ ही ये भी कहा गया था कि 12वीं इकोनॉमिक्स के री-एग्जाम को ऑप्शन बनाए जाए। इसके लिए कोर्ट में दलील दी गई थी कि दोबारा एग्जाम होने से स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर असर पड़ सकता है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 26 मार्च को 12वीं इकोनॉमिक्स का और 28 मार्च को 10वीं मैथ्स का एग्जाम हुआ था। जिसके बाद CBSE ने इन दोनों एग्जाम्स के पेपर लीक होने का अंदेशा जताते हुए इन दोनों एग्जाम को दोबारा कराने का फैसला लिया था। एग्जाम से पहले ही पेपर लीक होने की बात कही जा रही थी, लेकिन एग्जाम के बाद CBSE ने पेपर लीक की बात को माना और पेपर को कैंसिल कर दिया। बताया जा रहा है कि 10वीं मैथ्स का पेपर वॉट्सएप के जरिए लीक हुआ था, जबकि 12वीं इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। पेपर लीक होने के बाद बोर्ड ने 12वीं इकोनॉमिक्स के री-एग्जाम के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है, जबकि 10वीं मैथ्स का पेपर सिर्फ दिल्ली-हरियाणा रीजन में ही दोबारा कराया जाएगा। हालांकि इसकी तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया गया है।

Created On :   4 April 2018 10:37 AM IST

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