सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री के दौरान पक्षपात करने का आरोप खारिज किया

Supreme Court dismisses accusations of bias during registry
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री के दौरान पक्षपात करने का आरोप खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री के दौरान पक्षपात करने का आरोप खारिज किया
हाईलाइट
  • सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री के दौरान पक्षपात करने का आरोप खारिज किया

नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील द्वारा दायर उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने रजिस्ट्री के दौरान प्रभावशाली वकीलों को तरजीह देने का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के महासचिव और रजिस्ट्री को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वे प्रभावशाली वकीलों और लॉ फर्म द्वारा दायर मामलों को तरजीह देना बंद करे और सामान्य वकीलों के साथ भेदभाव नहीं किया जाए।

शीर्ष अदालत ने आरोप को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता वकील के ऊपर 100 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई में दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने रीपक कंसल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की, जिन्होंेने दावा किया कि शीर्ष अदालत के अधिकारियों ने प्रभावशाली वकीलों का पक्ष लिया और सुनवाई के लिए मामलों की लिस्टिंग के संबंध में सामान्य वकीलों के साथ भेदभाव किया।

याचिका पर सुनवाई करने के दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा ने कंसल से पूछा, आप इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां क्यों कर रहे हैं?

शीर्ष अदालत ने कंसल को बताया कि संबंधित अधिकारी वकीलों के लाभ के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, फिर भी इस तरह का आरोप एक ट्रेंड बन गया है।

शीर्ष अदालत ने 19 जून को इस मामले पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

Created On :   6 July 2020 3:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story