CBI vs CBI विवाद: वर्मा और अस्थाना की छुट्टी के मामले में शुक्रवार को सुनवाई
![Supreme court hearing: power dispute of Central Bureau of Investigation Supreme court hearing: power dispute of Central Bureau of Investigation](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2018/11/cbo_faisala_730X365.jpg)
- आलोक वर्मा के समर्थन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
- आलोक वर्मा ने जबरन छुट्टी पर भेजे जाने को दी चुनौती
- दो साल का होता है सीबीआई निदेशक का कार्यकाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) के सबसे बड़े अधिकारियों की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार के लिए टाल दी है। इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले में जांच की रिपोर्ट देर से जमा होने पर भी नाराजगी जाहिर की है। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद दोनों को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया था। अलग-अलग याचिकाओं के जरिए इस याचिका को कोर्ट में रखा गया है।
इन याचिकाओं पर होगी सुनवाई
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने खुद को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है। वर्मा के मुताबिक सीबीआई निदेशक का कार्यकाल 2 साल का होता है। इससे पहले उन्हें हटाना दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि उनका करियर बेदाग है। इन आरोपों के चलते उन्हें हटाया जाना गलत है।
इसके अलावा एक याचिका कॉमन कॉज नामक एनजीओ ने दायर की है। एनजीओ ने राकेश अस्थाना और उनकी टीम के अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए एसाईटी बनाने की मांग की है। तीसरी याचिका कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगाई है। आलोक वर्मा का समर्थन करते हुए खड़गे ने उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने को नियमों के खिलाफ बताया है। बता दें कि लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के साथ खड़गे सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति के सदस्य भी थे। राकेश अस्थाना ने भी एक याचिका दायर की है। उन्होंने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है। उन्होंने निदेशक वर्मा को पद से हटाने की भी मांग की है। सोमवार को कोर्ट में उनकी याचिका पर भी सुनवाई हो सकती है।
Created On :   12 Nov 2018 3:57 AM GMT